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दिल्ली में हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ा-अध्ययन

दिल्ली में हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ा-अध्ययन

नयी दिल्ली 16 मई (वार्ता) निष्क्रिय जीवन शैली और अनियमित तथा असंयमित खानपान के कारण देश में हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और राजधानी की 29.4 प्रतिशत शहरी और 18. 8 ग्रामीण आबादी इसकी गिरफ्त में है1 स्वास्थ्य जांच से जुड़ी जानी-मानी कंपनी इंडस हेल्थ प्लस द्वारा पिछले साल जनवरी से दिसम्बर के दौरान 19103 लोगों पर किये गये अध्ययन से यह बात सामने आयी है1 इस रिपोर्ट को 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन(उच्च रक्तचाप) दिवस के अवसर पर जारी किया गया1 अध्ययन में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में 25-35 वर्ष के आयु वर्ग वाले 26 पुरुष और 22 महिलाएं हाइपरटेंशन से पहले की स्थिति की शिकार हैं1 इलाज नहीं होने से यह अवस्था हाइपरटेंशन में बदल जाती है, जो स्ट्रोक या कार्डियो-वैस्कुलर डिजीज (सीवीडी) का कारण बनती है1 रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली के 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को पता ही नहीं है कि हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है1 इस विषय में महिलाएं हालांकि ज्यादा जागरूक और चिंतनशील हैं1 हाइपरटेंशन की मौजूदगी खासतौर से 35-45 वर्ष आयु वर्ग में डायबिटीज मेलिटस से ग्रस्त पुरुषों में अधिक पाई गई है1 अठाइस प्रतिशत पुरुषों में डायबिटीज पायी गयी, जिसका सीधा संबंध हाइपरटेंशन से है1 इंडस हेल्थ प्लस के स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञ अमोल नाइकवाडी के अनुसार दिल्ली में हाइपरटेंशन बढ़ रहा है1 राजधानी की 29.4 शहरी और 18.8 प्रतिशत ग्रामीण आबादी हाइपरटेंशन की शिकार है। शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग बढ़ते तनाव और हाइपरटेंशन के लिये काम के दबाव और नौकरी की अनिश्चितता को दोषी मानते हैं जबकि अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग बढ़ती कीमतों और बढ़ते घरेलू खर्च को इसका कारण मानते हैं1 हाइपरटेंशन का समय रहते इलाज नहीं कराने से हृदयरोग होने और गुर्दे तथा दूसरे अंगों के नाकाम होने का खतरा हो सकता है। समय पर और नियमित रूप से इसकी जांच कराने से हाइपरटेंशन का खतरा कम हो सकता है1 अध्ययन के निष्कर्षों मेें बताया गया है कि दिल्ली के ग्रामीण हिस्से में बीड़ी, खैनी, गुटका के रूप में तम्बाकू और शराब का सेवन युवा आबादी के लिये खतरनाक होता जा रहा है1   20-30 वर्ष की उम्र के 25 पुरुषों और 18 महिलाओं में इनकी लत के कारण हाइपरटेंशन का खतरा अधिक होता है1 शहरी क्षेत्रों में 25-35 वर्ष की उम्र की 35ः युवा आबादी में निष्क्रिय जीवनशैली के कारण हाइपरटेंशन का खतरा अधिक है1 उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण एथरोस्क्लेरोसिस है1 40-60 वर्ष की उम्र के 45 प्रतिशत पुरुष और 40 फीसदी महिलाओं को एथरोस्क्लेरोसिस है, जिससे उनमें हाइपरटेंशन का खतरा तेजी से बढ़ रहा है1 यह भी पता चला है कि हाइपटेंशन के शिकार 50 फीसदी लोगों में रक्तचाप(बीपी) और हृदय रोगों का पारिवारिक इतिहास है1 इनमें से 45-55 वर्ष उम्र के 32 प्रतिशत पुरुष और 28 फीसदी महिलाएं मोटापे का शिकार हैं और 31 प्रतिशत पुरुष और 29 फीसदी महिलाएं डायबीटिज से पीड़ित हैं1 उन्हें हृदय रोगों और दिल के दौरे का अधिक खतरा है1 स्वास्थ्य जांच के लिये आये सात प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक हाइपरटेंशन और डायबिटीज के शिकार पाए गए1 नियमित योग, व्यायाम और ध्यान के जरिये हाइपरटेंशन नियंत्रित किया जा सकता है। अजय.श्रवण वार्ता

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