नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी(आप) तीनों के लिये साख का सवाल बने दिल्ली निगमों के 270 वार्डों पर आज मतदान संपन्न होने के साथ 2537 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीनों में बंद हो गयी। मतदान लगभग शांतिपूर्ण रहा और करीब 54 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राज्य निर्वाचन अायुक्त एस के श्रीवास्तव ने संवाददाताओं को बताया कि शाम साढे पांच बजे मतदान समाप्त होने तक लगभग 54 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ था। उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि मतदान के लिए जिन ईवीएम का इस्तेमाल किया गया, उनमें छेड़छाड़ और गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि 18 ईवीएम में बैटरी और बटन संबंधी खराबियों की शिकायत मिली थी जिन्हें बदल कर नयी मशीनें लगायी गयीं। उन्होंने मतदाता सूची में नाम होने के बावजूद लोगों को मतदान करने से रोके जाने संबंधी आरोपों को निराधार बताया। आयोग के मुताबिक शाम चार बजे तक 44.7 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। तीनों निगमों में कुल 272 वार्ड है । मौजपुर और सराय पीपलथला में उम्मीदवार की मृत्यु हो जाने के कारण चुनाव स्थगित किया गया । इस बार निगम चुनावों में पहली बार नोटा के विकल्प का इस्तेमाल किया गया। वोटों की गिनती 26 अप्रैल को होगी । इस बार निगम चुनाव में पहली बार भाजपा, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था। तीनों ही दलों के लिये निगम चुनाव साख का सवाल है। सुबह मतदान बहुत धीमी गति से शुरू हुआ । विशिष्ट व्यक्तियों में उपराज्यपाल अनिल बैजल , मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन, विजय गोयल, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन, दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन, कपिल मिश्रा, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता बिजेन्द्र गुप्ता, सांसद मीनाक्षी लेखी, परवेश वर्मा, रमेश विधूड़ी और महेश गिरी आदि शामिल थे। शुरू में धीमे मतदान के बावजूद कई बूथों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें देखी गयी । महिलाओं और बुजुर्गों में मतदान को लेकर खासा जोश देखा गया । श्री बैजल ने अपनी पत्नी के साथ ग्रेटर कैलाश दो के मतदान केन्द्र पर वोट डाला। श्री केजरीवाल अपनी पत्नी और माता-पिता के साथ सिविल लाइंस मतदान केन्द्र पर वोट डालने गये। श्री माकन ने राजौरी गार्डन और डा. हर्षवर्द्धन ने अपनी परिवार के साथ कृष्णानगर के रतनदेवी स्कूल में वोट डाला। श्रीमती दीक्षित ने निजामुद्दीन पूर्व के एक मतदान केन्द्र पर वोट डाले। राज्य चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिये चाक-चौबंद प्रबंध किये हुए थे। अर्द्ध सैनिक बलों के अलावा दिल्ली पुलिस और होमगार्ड केे जवान भी तैनात रहें। कुछ केन्द्रों पर ईवीएम में छिटपुट खराबी की रिपोर्टों के अलावा मतदान कमोबेश शांतिपूर्ण रहा। मतदान के लिये कुल 13 हजार 141 केन्द्र बनाये गये थे। इनमें से 799 संवदेनशील और 208 अतिसंवेदनशील थे। तीनों निगमों में 2537 उम्मीदवार खड़े थे। कुल मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 34 लाख 23 हजार 783 थी । एक लाख से अधिक कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर तैनात किये गये थे। पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या एक लाख से अधिक थी। 18 वर्ष आयु वाले मतदाताओं की संख्या करीब 25 हजार थी। पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओंं को प्रोत्साहित करने के लिये आयोग ने उन्हें गुलाब का फूल और चॉकलेट जैसे उपहार देने की व्यवस्था की थी। भाजपा ने इस बार अपने किसी वर्तमान पार्षद अथवा इसके रिश्तेदार को टिकट नहीं दिया था। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के बल पर चुनाव लड़ा । मिश्रा, यामिनी वार्ता