नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (वार्ता) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि पिछले तीन दिनों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में तेजी से पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं जिसकी वजह से दिल्ली का एक्यूआई स्तर 284 पर पहुंच गया है।
नासा के मुताबिक 13 अक्टूबर को पराली जलने की संख्या कम थी। जिसकी वजह से उस दिन एक्यूआई का स्तर 171 था। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में पराली जलने की घटनाएं बढ़ती हैं तो दिल्ली का प्रदूषण का स्तर भी उसी अनुपात में बढ़ने लगता है। उत्तर भारत में बारिश की वजह से फसल देर से कटी है। अब तेजी के साथ पराली जलना शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार सभी तैयारी करके किसानों के खेतों में बायो डी कंपोजर का छिड़काव करती है। दूसरे राज्यों ने इस तरह की तैयारी नहीं की है। केंद्र सरकार ने पंजाब को लगभग 250 करोड़ रुपए पराली के समाधान के लिए दिए हैं। इससे 50 लाख एकड़ क्षेत्र में बायो डी कंपोजर का निशुल्क छिड़काव किया जा सकता है। दिल्ली में एंटी डस्ट अभियान के तहत करीब 70 फ़ीसदी लोग नियमों का पालन कर रहे हैं, बाकी 30 फीसदी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली में कल से रेड लाइन ऑन गाड़ी ऑफ अभियान की शुरुआत होगी। केजरीवाल सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक कार्य योजना के साथ काम कर रही है।
श्री राय ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दिल्ली का प्रदूषण हमेशा दिल्ली में ही रहता है। पिछले साल भी इसका अध्ययन किया था। हमने वार रूम शुरू किया और 24 घंटे हमने निगरानी शुरू की तो देखा कि जब पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती हैं तो दिल्ली का प्रदूषण का स्तर भी उसी अनुपात में बढ़ने लगता है। इस साल भी हम देख रहे हैं कि 13 अक्टूबर को एक्यूआई का स्तर 171 था। नासा के चित्रों के मुताबिक उस दिन पराली जलने की संख्या कम थी। लेकिन पिछले तीन दिन के अंदर काफी तेजी के साथ पराली जलाने की घटनाएं पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में बढ़ी हैं। जिस तेजी के साथ पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी है, उसी तेजी के साथ कल एक्यूआई कल 284 पर पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि इस साल अभी केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है कि पिछले साल के मुकाबले पराली कम जल रही है। मुझे लगता है कि पिछले दो दिन में पराली जलने की घटनाएं तेजी से बढी हैं। दिल्ली में हमने पूसा बायो डि कंपोजर के छिड़काव की तैयारी पाँच अक्टूबर से कर ली थी। हमने देखा कि बारिश की वजह से फसल देर से कट रही है। बारिश देर तक चली है, फसल के कटने का समय भी थोड़ा आगे बढ़ा है। अब तेजी के साथ पराली जलना शुरू हुई है।
श्री राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर के डस्ट पॉल्यूशन, बायोमास बर्निंग, पराली के प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार काम कर रही है। वाहन प्रदूषण को भी कम किया गया है। रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान कल से पूरी दिल्ली के अंदर हम शुरू करने जा रहे हैं। दिल्ली के अंदर के प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार काम कर रही है। इसमें पिछले सालों में सफलता भी मिली है। लेकिन इस समय अचानक पराली जलने की घटनाएं जिस तेजी से बढ़ती हैं, उससे दिल्ली का एक्यूआई स्तर और खराब स्थिति में पहुंचता है।
आजाद जितेन्द्र
जारी वार्ता