भारतPosted at: Apr 19 2021 7:49PM प्रवासी मजदूरों के लिए नीति बनाने की मांग
नयी दिल्ली,19 अप्रैल (वार्ता) बंधुआ मजदूर मुक्ति मोर्चा ने दिल्ली में प्रवासी मजदूर नीति बनाने की मांग करते हुए कहा है कि प्रत्येक प्रवासी परिवार को 10 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाने चाहिए।
मोर्चा के महासचिव निर्मल गोराना ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि प्रवासी मजदूरों का पलायन रोकने के लिए प्रवासी मजदूर नीति लागू करनी होगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान प्रवासी मजदूरों ने फिर से अपने कार्यस्थल से निकलकर अपने राज्य की ओर पलायन प्रारंभ कर दिया है। धीरे-धीरे मजदूर सड़कों पर चलने एवं बस और रेलवे स्टेशन के आसपास एकत्रित होने लगे हैं। मजदूरों को यह भय है कि कोरोना के प्रकोप से फिर से लम्बा लॉकडाउन लगेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसी भी सरकार के पास प्रवासी मजदूर की नीति दूर-दूर तक नहीं दिखाई देती है। उसी का परिणाम है की प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में अपने आप को बेसहारा महसूस कर रहे हैं। आज प्रवासी मजदूर फिर से मजबूर हो गया है।
श्री गोराना ने कहा कि सर्वप्रथम मजदूरों का पंजीकरण करके उन्हें सामाजिक सुरक्षा के रूप में 10 हजार रुपये प्रति मजदूर परिवार के हिसाब से प्रतिमाह जारी करने चाहिए ताकि मजदूर शहरों से इस महामारी के दौरान पलायन न करें।
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों का तत्काल पंजीकरण प्रारंभ किया जाए और प्रवासी मजदूरों को निशुल्क भोजन एवं राशन उपलब्ध करवाया जाए।
प्रवासी मजदूरों की यात्रा के लिए निशुल्क यात्रा के साधन उपलब्ध करवाए जाएं। इसके लिए प्रवासी मजदूरों के लिए बने हुए कानून एवं अन्य संबंधित कानूनों का क्रियान्वयन करने के लिए ठोस नीति बनाकर उसे तत्काल लागू किया जाए।
सत्या.श्रवण
वार्ता