भारतPosted at: Jun 25 2021 8:05PM लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान देने की मांग
नयी दिल्ली 25 जून (वार्ता) देश में आपातकाल समाप्त होने की 46वीं वर्षगांठ के मौके पर लोकतंत्र सेनानी संघ ने आज मांग की कि आपातकाल के इतिहास को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने के साथ ही इसके खिलाफ संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को पूरा सम्मान दिया जाये।
राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी की अध्यक्षता वाले मीसा कानून के तहत बंदी बनाये गये लोगों के लोकतंत्र सेनानी संघ के सदस्यों ने राजधानी के जंतर मंतर पर आपातकाल की बरसी मनायी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन सौंपा। इस कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया ने शिरकत की।
ज्ञापन में कहा गया कि आज से 46 वर्ष पूर्व इंदिरा गाँधी सरकार द्वारा आपातकाल लगा कर देश में लोकतंत्र का अपहरण कर अभूतपूर्व तानाशाही घोषित की गयी थी। लगभग 19 माह की इस तानाशाही के दौरान मीसा /डी आई आर जैसे काले कानून लागू कर लोकनायक जयप्रकाश नारायण समेत सभी विपक्षी नेताओं एवं लाखों की संख्या में अन्य लोकतंत्र की बात करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उस दौर में अपील. वकील, दलील का कोई अर्थ नहीं रह गया था। भारतीय लोकतंत्र के उस अभूतपूर्व काले दौर को आज की पीढ़ी नहीं जानती है।
लोकतंत्र सेनानी संघ ने मांग की कि आपातकाल (1975-1977) लोकतंत्र के उस काले दौर का स्मरण आने वाली पीढ़ियों को कराने के वास्ते आपातकाल को पाठ्यक्रम में समुचित रूप से सम्मिलित किया जाना चाहिए। इससे आपातकाल खंड की कभी विस्मृति नहीं होगी तथा कोई भी शासक पुनः ऐसा नहीं कर सकेगा। संघ ने आपातकाल के विरुद्ध अभूतपूर्व संघर्ष कर लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने वाले समस्त लोकतंत्र सेनानियों को चिन्हित व सम्मानित करने तथा उन्हें प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना का लाभ देने और सम्मान निधि सहित कुछ अन्य सुविधाएं भी प्रदान करने की मांग की।
सचिन
वार्ता