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लोकतंत्र को नैतिक बल की है आवश्यकता, सैन्य शक्ति की नहीं: इमरान

लोकतंत्र को नैतिक बल की है आवश्यकता, सैन्य शक्ति की नहीं: इमरान

इस्लामाबाद, 17 जुलाई (वार्ता) पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की 20 विधानसभा सीटों पर आज उपचुनाव हो रहे हैं। इससे पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने नागरिक-सैन्य संबंधों में असंतुलन की निंदा करते हुए पिछली पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) और पीएमएल-एन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) की सरकारों पर भ्रष्टाचार के मामलों में खुद को बचाने के लिए सेना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। डॉन समाचार पत्र ने रविवार को यह जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि उन्होंने अपनी यह बात पंजाब में उपचुनाव से एक दिन पहले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आधारित एक सेमिनार में रखी। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ भी इस चुनावी दौड़ में शामिल है।

उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ की गई उस कार्रवाई का जिक्र किया, जिसके चलते उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'इस असंतुलन की वजह से एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिसके नतीजों के बारे में सेना को अब भी एहसास नहीं है।'

वह आगे कहते हैं, 'हमें कमजोर सेना नहीं चाहिए इसलिए हमें इसे बचाना होगा, इसकी रक्षा करनी होगी। अगर जनता और सेना के बीच का फासला बढ़ता गया, जो कि हो रहा है, इससे आखिरकार पाकिस्तान और सेना को ही नुकसान पहुंचेगा।'

श्री खान के अनुसार, लोकतंत्र नैतिक शक्ति पर निर्भर करता है, न कि शारीरिक बल पर और पाकिस्तान की सेना के पास नैतिक शक्ति है।

श्री खान ने सेना से मौजूदा सरकार के समर्थन से यू-टर्न लेने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आज सही फैसले किए जाएं।

अरिजीता

वार्ता

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