StatesPosted at: Oct 23 2019 11:40PM येदियुरप्पा की ‘प्रतिशोध की राजनीति’ के खिलाफ देवेगौड़ा का धरना
यादगीर 23 अक्टूबर (वार्ता) पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के सुप्रीमो एच डी देवगौड़ा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की ‘प्रतिशोध की राजनीति’ के खिलाफ बुधवार को यादगीर उपायुक्त कार्यालय के सामने धरने में शामिल हुए जहां बड़ी संख्या में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
श्री देवेगौड़ा ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री येदियुरप्पा का मानना है कि वे लिंगायत समुदाय के एकमात्र नेता हैं और उन्होंने राज्य में किसी भी लिंगायत नेता को विकसित नहीं होने दिया और राज्य में प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त हैं।
लगभग एक सप्ताह पहले श्री येदियुरप्पा के वाहन को रोकने और उन्हें काला झंडा दिखाने के मामले में जद (एस) कार्यकर्ताओं से पूछताछ के दौरान कथित तौर पर पुलिस ज्यादती के विरोध में पार्टी की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है।
श्री गौड़ा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग किया तथा स्वीकारोक्ति के लिए जद (एस) कार्यकर्ताओं के मुंह में बंदूक तक डाल दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर यादगीर पीएसआई बापू गौड़ा के निलंबन आदेश को निरस्त कर दिया और यादगीर शहर में आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा थोप दिया।
श्री गौड़ा ने आरोप लगाया कि श्री येदियुरप्पा ने बदला लेने की राजनीति के तहत ये कदम उठाये क्योंकि फरवरी में गुरमीतकल के विधायक नागन्ना गौड़ा कंदाकुर के बेटे शारंगौड़ा पाटिल ने ऑडियोटेप के साथ श्री येदियुरप्पा का ‘स्टिंग’ किया था। उन्होंने कहा,“वे मुख्यमंत्री के विरोध के पीछे शारंगौड़ा को ‘अपराधी’ के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहते हैं।”
पूर्व प्रधानमंत्री ने यादगीर पीएसआई बाबू गौड़ा को तत्काल निलंबित करने और इस कार्रवाई के लिए बिना शर्त माफी की मांग की है।
संजय राम
वार्ता