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पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के मेल से विकसित करें नयी तकनीक: मोदी

पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के मेल से विकसित करें नयी तकनीक: मोदी

गुवाहाटी, 22 सितंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नयी तकनीक विकसित करने के लिए पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के सम्मिश्रण की ओर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।

श्री मोदी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के 22वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्र को बदलने में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा,“ मेरा यह विश्वास है कि राष्ट्र का भविष्य वही है जो आज के युवाओं की सोच है। आपके सपने भारत की वास्तविकता को आकार देने वाले हैं। आज के युवाओं को भविष्य का निर्माण करना होगा।”

उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी के छात्रों के जीवन में उत्तर-पूर्व क्षेत्र के योगदान की ओर इशारा करते हुए आह्वान किया कि छात्र अपने शोध को इस क्षेत्र की संभावनाओं से जोड़ने का प्रयास करें और यह पता लगाएं कि पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मेल किस तरह से नयी तकनीक विकसित करने में मदद कर सकता है।

श्री मोदी ने आईआईटी गुवाहाटी से उत्तर पूर्वी क्षेत्र की राज्य सरकारों को विभिन्न प्राकृतिक और अन्य आपदाओं से निपटने में मदद करने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करने का आग्रह किया। इससे क्षेत्र की विकास संभावनाओं पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को दूर करने की दिशा में क्षेत्र में ‘आपदा प्रबंधन केंद्र’ का गठन करने की ओर ध्यान देने आकर्षित करने को कहा।

उन्होंने कहा, “उत्तर-पूर्व भारत काफी संभावनाओं से भरा राज्य है लेकिन इसे बाढ़, भूकंप, भूस्खलन और औद्योगिक आपदाओं से भी दो-चार होना पड़ता है और सरकारों को इनसे निपटने में अपना काफी समय गुजारना पड़ता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आईआईटी-गुवाहाटी ‘उच्च स्तर के तकनीकी गुणवत्ता प्रदान कर सकने’ की दिशा में एक लंबा रास्ता तय कर सकता है और संस्थान से इस उद्देश्य के लिए एक केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने आईआईटी-गुवाहाटी की कोरोना महामारी से निपटने में विभिन्न किट और परीक्षण उपकरणों को विकसित करने में अपना योगदान देने की सराहना की।

शुभम.श्रवण

जारी वार्ता

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