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भारत की प्रतिष्ठा के लिए संस्कृत का विकास जरूरी : कुलाधिपति

भारत की प्रतिष्ठा के लिए संस्कृत का विकास जरूरी : कुलाधिपति

दरभंगा, 28 नवम्बर (वार्ता) बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने संस्कृत को विश्व की सर्वश्रेष्ठ भाषा बताया और कहा कि भारत को फिर से जगतगुरु के रूप में प्रतिष्ठा दिलानी है तो संस्कृत का विकास जरूरी है।

श्री चौहान ने आज यहां कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत की प्रतिष्ठा के लिए संस्कृत का विकास जरूरी है। यह समय की मांग भी है और भारतीय सांस्कृतिक नव-जागरण के लिए एक गौरवशाली सार्थक अभियान भी। उन्होंने कहा कि आदिकाल से चरित्र-शिक्षा, शांति, सद्भाव एवं विश्वबन्धुत्व का पाठ संस्कृत साहित्य से ही सभी ने सीखा है।

कुलाधिपति ने कहा कि वेदों, उपनिषदों, दर्शनों, पुराणों एवं धर्मशास्त्रों ने जीवन यापन का ऐसा आदर्श मार्ग स्थापित किया है जिसपर चलकर मानवता का व्यापक कल्याण किया जा सकता है। संस्कृत ज्ञान के अभाव में हम न तो भारत की सांस्कृतिक सम्पन्नता और विपुल ज्ञान सम्पदा से परिचित हो पाएंगे और न ही अपने राष्ट्र की भावनात्मक एकता को सुरक्षित रख पाएंगे।

सं.सतीश

जारी वार्ता

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