कोलकाता, 02 अक्टूबर (वार्ता) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी ।
श्री धनखड़ ने एक बयान में कहा, “इस वर्ष पूरा विश्व महात्मा गांधी की 150वीं जयंती बना रहा है। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश आज भी विश्व में शांति, विकास और प्रगति के लिए बहुत प्रासंगिक है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कई लोगों के जीवन पर अमिट छाप छोड़ी है। वह सहनशीलता, पारस्परिक सम्मान और एकता जैसे मूल्यों के लिए खड़े हुए और काम किया। इन मूल्यों का पूरी दुनिया पर, स्वतंत्रता आंदोलनों पर और ‘मेरी खुद की सोच’ पर गहरा प्रभाव पड़ा।
राज्यपाल ने कहा, “उन्होंने आज भी राष्ट्र-निर्माण के हमारे प्रयासों में हमें प्रेरित किया है। गांधीजी के व्यक्तित्व की विलक्षणता, उनका दर्शन, जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण सर अल्बर्ट आइंस्टीन की उन पर की गई इस टिप्पणी से रेखांकित होता है, “आने वाली पीढ़ी इस बात पर विश्वास नहीं कर पाएगी कि पृथ्वी पर इस तरह का कोई व्यक्ति भी कभी आया था।”
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने इंसानों के सामर्थ्य के सकारात्मक पहलुओं के पूर्ण विकास को प्रोत्साहित करने और नकारात्मकता को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया। गांधीजी का दिखाया हुआ रास्ता एक बेहतर विश्व के निर्माण में सभी को प्रोत्साहित करता रहेगा।
इस बीच, श्री बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, “महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि। हम मेयो रोड पर राष्ट्रपिता को उनकी प्रतिमा के समक्ष श्रद्धांजलि देंगे।”
उन्होंने कहा, “बंगाल सरकार ने गांधी जयंती के मद्देनजर बेलियाघाआ स्थित ऐतिहासिक गांधी भवन का नवीनीकरण कराया है और आज इसका उद्घाटन होगा। पश्चिम बंगाल की सरकार ने गांधी की 150वीं जयंती के मद्देनजर पुरबा मेदिनीपुर जिले में महात्मा गांधी जी को समर्पित एक विश्वविद्यालय के निर्माण समेत कई अन्य कदम उठाए हैं।”
कोलकाता के बेलियाघाटा में स्थत एक मकान (गांधी भवन) में महात्मा गांधी 1947 में सांप्रदायिक तनावों को कम करने के अपने प्रयास के दौरान कुछ हफ्तों के लिए रूके थे। बंगाल सरकार ने अब गांधी भवन को एक संग्रहालय के रूप में विकसित कर दिया है और आज महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर इसका उद्घाटन होगा।
जब महात्मा गांधी यहां रूके थे तब इसका नाम हैदरी मंजिल था और बाद में उनके सम्मान में इसका नाम गांधी भवन रखा गया।
प्रियंका जितेन्द्र
वार्ता