नयी दिल्ली, 09 सितम्बर (वार्ता) कांग्रेस ने सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों और रुपये के अवमूल्यन आदि पर चर्चा नहीं किये जाने की आलोचना करते हुए इन मुद्दों पर सोमवार को राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की है।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने मुख्यालय में रविवार को आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस और समान विचारधारा वाले 20 अन्य दल इस राष्ट्रव्यापी बंद में शिरकत करेंगे। विभिन्न व्यापार संगठनों एवं ट्रेड यूनियनों ने भी बंद का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि बंद का आह्वान देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बेतहाशा बढोतरी तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों में आई गिरावट पर रोक लगाने में मोदी सरकार की विफलता केे खिलाफ किया गया है।
श्री माकन ने कहा, “इस प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से मैं अपने पार्टी के तमाम कार्यकर्तओं से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे बंद को पूर्णत हिंसा मुक्त रखें।” उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को यह ध्यान रखना होगा कि कांग्रेस अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पार्टी रही है और बापू के अहिंसा के वसूलों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रव्यापी बंद में वे (कार्यकर्ता) किसी भी प्रकार की हिंसा की घटना में संलिप्त नहीं होंगे।
उन्होंने देश के युवाओं और प्रत्येक समुदाय के लोगों से अपील की कि वे भी इस बंद में हिस्सा लें और इसे सफल बनाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर दबाब बनाने के लिए बंद का आह्वान किया है, ताकि बढ़ती महंगाई और रुपये के अवमूल्यन पर रोक लगाने की दिशा में सरकार प्रयास करे।
मोदी सरकार में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए श्री माकन ने कहा, “वर्ष 2014 के बाद अब तक पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 211.7 प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी है और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की तुलना में उत्पाद शुल्क 19 रुपये 48 पर पहुंच गया है। इसी प्रकार डीजल के उत्पाद शुल्क में 433 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह तीन रुपये 46 पैसे से बढ़कर 15 रुपये 33 पैसे तक पहुंच गया है। इतना ही नहीं, डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत भी 73 रुपये के पार पहुंच गयी है।”
उन्होंने पूछा कि संप्रग सरकार में एक डॉलर की कीमत 60 रुपये से पार करते ही श्री मोदी कहते थे रुपया आईसीयू में पहुंच गया है, लेकिन अब तो यह 73 रुपये के पार पहुंच गयी है, इस पर रोक के लिए सरकार क्या कर रही है? उन्होंने पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग करते हुए कहा कि इससे तत्काल इन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत 15 से 18 रुपये प्रति लीटर नीचे आ जायेगी। उन्होंने कहा, “सरकार ने 11 लाख करोड़ रुपये पिछले चार वर्ष में उत्पाद शुल्क के माध्यम से कमाये हैं। सरकार ने आम आदमी की जेब पर डाका डालकर अपना खजाना भरा है।”
एक प्रश्न के उत्तर में श्री माकन ने कहा कि उनकी पार्टी अपने अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद के भीतर और बाहर भी भाजपा के खिलाफ सशक्त तरीके से लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस विभिन्न राज्यों में समान विचारधारा वाली पार्टियों से गठबंधन करके 2019 में भाजपा को धूल चटायेगी।
एक अन्य सवाल के जवाब में पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महंगाई बढ़ने, राफेल करार में भ्रष्टाचार, रुपये के अवमूल्यन, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे जनता से जुड़े मुद्दे पर कोई बात नहीं की गयी। इस बैठक में केवल ‘मोदी-अमित’ के चारण किये गये।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार राफेल सौदे को लेकर न तो संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच चाहती है, न कोई चर्चा। इसका सीधा मतलब है कि दाल में कुछ काला जरूर है। वर्ष 2014 के आम चुनाव में श्री मोदी के लिए भ्रष्टचार पर लगाम लगाना मुख्य नारा था, लेकिन अब वह जनता के मुद्दे से दूर हो रहे हैं।”
सुरेश टंडन
वार्ता