नयी दिल्ली,01 दिसंबर (वार्ता) देश में केंद्रीय बैंक की डिजिटल-मुद्रा (सीबीडीसी) के नाम से ‘डिजिटल रुपए’ का बाजार में खुदरा लेन-देन के लिए इस्तेमाल की सुविधा का व्यावहरिक परीक्षण गुरुवार को शुरू किया गया।
भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस संबंध में गत सात अक्टूबर और 19 नवंबर को अधिसूचनाएं जारी की थीं। डिजिटल-करेंसी एक तरह से रिजर्व बैंक द्वारा इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में जारी की जाने वाली नकदी है। इससे लोगों को धन का अधिक सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करने की सुविधा मिलने की उम्मीद है।
आरबीआई द्वारा जारी इस मुद्रा के माध्यम से लेन-देन इस समय प्रचलन में शामिल विभिन्न मूल्य के करेंसी नोट की तरह ही सुरक्षित और विधि मान्य है।
रिजर्व बैंक के अनुसार पायलट परियोजना के तहत अभी केंद्रीय बैंक डिजिटल-रुपये इसका उपयोग आठ बैंकों के माध्यम से देश के चार महानगरों में किया जा रहा है। आने वाले समय में इसका प्रचलन देश व्यापी किया जाएगा।
डिजिटल रुपये में लेन-देन काम करने वालों के लिए बैंक उसका एक वॉलेट बनाएंगे और उस वॉलेट में ग्राहक के धन के हिसाब से डिजिटल टोकन जमा होंगे। वॉलेट में जमा उन टोकन का इस्तेमाल वह भुगतान के लिए कर सकेगा। इस वालेट से ‘क्यूआर’ कोड के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा।
शुरू में यह विनिर्दिष्ट शहरों में एक निश्चित उपयोगकर्ता समूह (सीयूजी) में शामिल व्यावसायिक प्रतिष्ठान और ग्रहक डिजिटल रुपये में लेन-देन कर सकेंगे।
अभी इस परियोजना में आरबीआई ने शुरू में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक, आईडीएफसी बैंक , बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को डिजिटल रुपये के वितरण और वॉलेट से भुगतान जैसी सेवाएं देने के लिए अधिकृत किया है।
पहले परीक्षण के लिए मुंबई, नयी दिल्ली, बेंगलूरु और भुवनेश्वर में डिजिटल-रुपये चलन में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसके बाद इसमें अहमदाबाद, गुवाहाटी, गंगटोक, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला शहर को भी शामिल किया जाएगा।
केंद्रीय बैंक की डिजिटल-करेंसी की परियोजना सफल होने पर छपे नोट की जरूरत कम हो सकती है।
मनोहर.श्रवण
वार्ता