राज्यPosted at: Sep 11 2018 8:13PM नोटबंदी के नाम पर घोटाला हुआ है - दिग्विजय
भोपाल, 11 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि नोटबंदी के नाम पर देश में घोटाला हुआ है।
श्री सिंह ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद सारा कालाधन और नकली नोट वापस आ गए। भारतीय रिजर्व बैंक की जानकारी के अनुसार नए नोट प्राथमिकता के आधार पर उन्हीं सहकारी बैंकों को दिए गए जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के प्रभाव वाले थे।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी का निर्णय बिना सोचे समझे और बिना तैयारी के लिया गया। इसके कारण कई उद्योग बंद हो गए और बहुत से लोग बेरोजगार हो गए। नकली नोट बड़े पैमाने पर आए हैं और उनका प्रचलन बढ़ा है। इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। इसी तरह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को भी बिना सोचे समझे लागू कर दिया गया।
हिंदू धर्म के कमजोर में होने के संबंध में आए बयानों के बारे में श्री सिंह ने कहा कि जो सनातन धर्म को कमजोर कहते हैं, वे खुद कमजोर हैं। हिंदू कभी खतरे में नहीं है। मुगलों और इसाइयों के सैकड़ों साल के शासन में भी वह खतरे में नहीं पड़ा।
अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम में संशोधन के विरोध में सवर्णों के आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी असफलता छिपाने के लिए इस तरह के मुद्दे उछालती है। यही उनकी राजनीति है।
कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रदेश में सरकार बनने पर गौशालाएं खोलने और रामपथ निर्माण की घोषणा के बारे में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ही गौ सेवा आयोग बनाया गया था और गौशालाएं खोली गई थीं। भाजपा की राह धार्मिक नहीं है। कथित गौरक्षक केवल चंदा वसूली करते हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश की सीमा में रामपथ के निर्माण के लिए भी हामी भरी।
कांग्रेस की प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष श्री सिंह ने गुटबाजी के बारे में पूछ गए एक सवाल के जवाब में कहा कि राजनीति में कटुता नहीं होती, प्रतिद्वंद्विता हो सकती है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि उनकी अपने राजनीतिक जीवन में कभी आरएसएस और भाजपा से भी कटुता नहीं रही।
श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस में समन्वय के लिए 25 सितंबर तक प्रदेश भर में बैठकें चलेंगी। अगले चरण में संभागीय स्तर पर समन्वय स्थापित करेंगे। विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटने के बाद एक बार फिर लोगों के साथ बैठेंगे।
सुधीर
वार्ता