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शिलांग-डिब्रूगढ़ के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू

शिलांग-डिब्रूगढ़ के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू

नयी दिल्ली 26 अक्टूबर (वार्ता) मेघालय की राजधानी शिलांग और अमस के डिब्रूगढ़ को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए उड़ान योजना के तहत आज सीधे विमान सेवा शुरू की गयी। इंडिगो ने इस मार्ग पर 78 सीटों वाले एटीआर 72 विमान से हवाई सेवा देगी।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल डॉ. वी के सिंह और नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल की मौजूदगी में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना-उड़े देश का आम नागरिक (आरसीएस-उड़ान) के तहत शिलांग-डिब्रूगढ़ मार्ग पर पहली सीधी उड़ान को वर्चुअली झंडी दिखाकर रवाना किया। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के साथ ही कई सांसद और मेघालय के कई मंत्रियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

शिलांग और डिब्रूगढ़ के बीच यात्रा करने के लिए सड़क और ट्रेन द्वारा 12 घंटे की लंबी यात्रा को करने के लिए मजबूर होना पड़ता था लेकिन इस सेवा के शुरू होने से अब 75 मिनट की उड़ान का विकल्प चुनकर दोनों शहरों के बीच आसानी से यात्रा की जा सकती है।

इस मौके पर श्री सिंधिया ने कहा, “शिलांग दुनिया के सबसे ऊंचे और सबसे पानी वाले स्थानों में से एक है। यह स्थान देश ही नहीं पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। रोलिंग पहाड़ियों, गुफाओं, सबसे ऊंचे झरनों, सुंदर परिदृश्य और इसकी समृद्ध विरासत और संस्कृति की उपस्थिति के कारण शिलांग को हमेशा पूर्व के स्कॉटलैंड के रूप में जाना जाता है। ऐसा कुछ भी नहीं है जो मेघालय के पास न हो। यह जगह दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करती है।”

मंत्री ने कहा “2014 में, उत्तर पूर्व में केवल 6 हवाई अड्डे चालू थे जो अब 2021 में बढ़कर 15 हवाई अड्डे हो गए हैं। सिर्फ 7 साल की छोटी सी अवधि में हमने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल कर लिया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह सिर्फ शुरुआत है, हम उत्तर-पूर्व की अंतर्राज्यीय (राज्य के अंदर) और राज्यान्तरिक (राज्य के बाहर) कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए और प्रतिबद्ध हैं। हवाई जहाज से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, हमारा फोकस अंतिम छोर तक डिलीवरी के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमताओं को विकसित करने पर है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमने हाल ही में उत्तर-पूर्व में हेली सेवाओं को और बढ़ावा देने के लिए हेलीकॉप्टर नीति शुरू की है। हम चाहते हैं कि देश भर से यात्रियों को पूर्वोत्तर की यात्रा पर लाया जाए”

शिलांग का पहाड़ियों से घिरा हुआ है। कई शैक्षणिक संस्थानों की कारण यह क्षेत्र प्रसिद्ध है। शिलांग पूरे उत्तर-पूर्वी भारत के लिए शिक्षा का केंद्र है। सौंदर्य और शिक्षा केंद्र होने के अलावा, शिलांग मेघालय के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है, जो भारी वर्षा, गुफाओं, सबसे ऊंचे झरनों, सुंदर परिदृश्य और अपनी समृद्ध विरासत और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध राज्य है। शिलांग एलीफेंट फॉल्स, शिलांग पीक, उमियाम लेक, सोहपेटबनेंग पीक, डॉन बॉस्को म्यूजियम, लैटलम कैन्यन के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, शिलांग उत्तर पूर्व भारत का एकमात्र राजधानी शहर है, जो आई-लीग में भाग लेने वाले दो फुटबॉल क्लबों की मेजबानी करता है, जिसे रॉयल वाहिंगदोह एफसी और शिलांग लाजोंग एफसी के नाम से जाना जाता है। इनके अलावा, शिलांग का गोल्फ कोर्स देश के सबसे पुराने गोल्फ कोर्सों में से एक है।

शेखर

वार्ता

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