नयी दिल्ली, 14 जनवरी (वार्ता) ग्राहकों तक उत्पाद को सीधे वितरित करने वाली डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के संगठन कंपनियों के इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन(आईडीएसए) ने कोविड-19 के प्रभाव से उबर रहे पर्यटन उद्योग की दृष्टिक से आय कर की नयी धारा 194आर में संशोधन कर इस क्षेत्र की कंपनियों को इसके तहत कर कटौती के प्रावधान से छूट दिए जाने की सिफारिश की है।
बजट 2023-24 को लेकर वित्त मंत्रालय के समझ अपने सुझाव में आईडीएसए ने कहा है, ‘‘यद्यपि हम कर कटौती के इस नए प्रावधान की शुरूआत के उदेश्य या तर्क का समर्थन करते हैं, लेकिन ऐसे सभी कार्यक्रम जहां प्राप्तकर्ता या लाभार्थियों को निशुल्क भागीदारी प्रदान की जाती है या जहां उनकी यात्राएं प्रायोजित होती हैं, इन सभी पर स्रोत पर कर कटौती के प्रावधान में संशोधन का अनुरोध करना चाहते हैं।”
एसोसिएशन ने कहा है कि कोरोना महामारी से भारतीय आतिथ्य क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है ऐसे में घरेलू कार्यक्रमों और यात्राओं के आयोजनों के प्रोत्साहन, घरेलू हितधारकों के राजस्व में वृद्धि करने तथा आतिथ्य क्षेत्र को पुन: पटरी पर लाने के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु हमारी राय में धारा 194आर के तहत ऐसी गतिविधियों पर कर कटौती में छूट प्रदान करना एक सार्थक कदम साबित हो सकता है।
वर्ष 2022 के बजट में केंद्र सरकार ने आय कर अधिनियम में एक नई धारा 194आर की शुरूआत की थी जिसके तहत ‘व्यवसाय या पेशे के सम्बंध में अनुलाभ पर कर की कटौती’ का प्रावधान किया गया जो एक जुलाई, 2022 से लागू हो गया है। इस नई धारा के प्रावधानों के अनुसार, व्यक्ति या कॉर्पोरेट इकाई, जो किसी निवासी को कोई लाभ या अनुलाभ नकद या अन्य किसी रूप में प्रदान करता है तो उसे ऐसा करने के पूर्व लाभ या अनुलाभ के कुल मूल्य पर 10 प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती करना अनिवार्य है।
इस नए प्रावधान से प्रभावित व्यावसायिक गतिविधियों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्राएं या कार्यक्रम भी शामिल हैं जो व्यावसायिक अथवा कार्पोरेट संस्थाओं द्वारा अपने कर्मचारियों या सहयोगियों को प्रोत्साहित या सम्मानित करने के लिए आयोजित किए जाते हैं।
मौजूदा व्यवस्था में जहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों या यात्राओं को धारा 194आर के तहत एक समान कर कटौती दर के दायरे में रखा गया है ऐसे में कॉर्पोरेट संस्थानों को विदेश के मुकाबले देश के भीतर ऐसी गतिविधियों के आयोजन में ऐसा कोई विशेष लाभ या प्रोत्साहन हासिल नहीं होता है जो इन्हें मिलना चाहिये।
आईडीएसए ने कहा है कि अगर ऐसे आयोजनों और यात्राओं के देश में आयोजन पर कर कटौती में छूट मुहैया कराई जाये तो कार्पोरेट संस्थान इन्हें आयोजित करने के लिये प्रोत्साहित होंगे तथा इससे न केवल आतिथ्य क्षेत्र के राजस्व में वृद्धि होगी बल्कि इसका सरकारी खजाने में करों के रूप में योगदान भी बढ़ेगा।
एसोसिएशन ने कहा है, “हमें पूरा विश्वास है कि उपरोक्त सुझाव पर सम्बंधित मंत्रालय के अधिकारी अवश्य विचार करेंगे और यदि आवश्यक हो तो हम इस पर विस्तार से चर्चा करने की पेशकश भी करते है।”
मनोहर, उप्रेती
वार्ता