राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jun 6 2019 7:21PM प्रदेश के विकास को लेकर कमलनाथ की महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रधानमंत्री से चर्चा
भोपाल, 06 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके निवास पर भेंट कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रस्तावित तृतीय चरण में वर्तमान सड़कों का अपग्रेडेशन करने का अनुरोध किया है।
श्री कमलनाथ ने योजना में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर उन गाँवों और बसाहटों को भी शामिल करने का अनुरोध किया है, जो पहले इस योजना में छूट गए थे। इस प्रस्ताव के मान्य होने से छूटे गये गाँव भी सब पक्की सड़कों से जुड़ जाएंगे। उन्होंने प्रदेश के विकास के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने प्रधानमंत्री का ध्यान मध्य प्रदेश में खनिज उत्खनन से संबंधित लगभग 20 बड़ी परियोजनाओं की ओर दिलाया, जो विभिन्न अनुमतियों के लिये भारत सरकार के विभिन्न विभागों में लंबित हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह अनुमतियाँ मिल जाती हैं तो प्रदेश को काफी अधिक मात्रा में राजस्व आय की प्राप्ति होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गेहूँ उपार्जन की सीमा 75 लाख मीट्रिक टन करने का भी प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश में गेहूँ उपार्जन पर वर्तमान में 67.25 लाख मीट्रिक टन की सीमा तय की गयी है। इसके पहले भारत सरकार ने माह फरवरी में 75 लाख मीट्रिक टन की सीमा स्वीकृत की थी। यह सीमा पुराने 4 वर्ष के उपार्जन के आंकड़ों के आधार पर तय की थी।
उन्होंने मनरेगा के कामगारों के भुगतान की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि मनरेगा के अंतर्गत अभी तक स्वीकृत श्रमिक बजट हर वर्ष जनवरी से पूर्व समाप्त हो जाता है। इस कारण 3 से 4 महीने तक श्रमिकों को भुगतान नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बुन्देलखंड एवं निमाड़ के जनजातीय क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में वर्षा न होने की स्थिति की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि इसके कारण किसानों एवं अन्य निवासियों को रोजगार के लिये शहर से बाहर पलायन करना पड़ रहा है। इस पलायन को रोकने एवं क्षेत्र के निवासियों को पर्याप्त मात्रा में रोजगार उपलब्ध कराने के लिये मनरेगा के अंतर्गत भारत शासन से पर्याप्त सहायता की अपेक्षा है।
उन्होंने सिंगरौली में रीजनल सेंटर आफ इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद का केन्द्र खोलने का अनुरोध करते हुए कहा कि भारत सरकार ने 2008 में यह केन्द्र खोलने का निर्णय लिया था। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा 163.25 एकड़ जमीन आवंटित की जा चुकी है । इस सेन्टर को शीघ्र खोला जाना चाहिये।
नाग
वार्ता