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विस्थापितों ने कहलगांव विद्युत संयंत्र में कोयला आपूर्ति रोकी

विस्थापितों ने कहलगांव विद्युत संयंत्र में कोयला आपूर्ति रोकी

भागलपुर, 09 अगस्त (वार्ता) बिहार में भागलपुर जिले के कहलगांव स्थित देश की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की 2340 मेगावाट वाली बिजली संयंत्र में नौकरी की मांग को लेकर करीब छह गांवों के भूमि विस्थापितों ने रेल लाइन पर धरना देकर संयंत्र में कोयले की आपूर्ति रोक दी है।

कहलगांव बिजली संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक एस. गौरीशंकर ने आज यहां बताया कि एनटीपीसी के पुराने कहलगांव बिजली संयंत्र के कारण प्रभावित छह से अधिक गांवों के भूविस्थापितो के द्वारा नारायण पुर गांव के निकट एमजीआर रेल लाइन को जाम कर दिये जाने से इस्टर्न कोल फिल्ड (ईसीएल) की राजमहल परियोजना से यहां होने वाली कोयले की आपूर्ति ठप्प हो गई है। राजमहल परियोजना से एक भी कोयला रैक नहीं आने पर संयंत्र में कोयले की भारी कमी हो गई है और इस वजह से यहां विद्युत उत्पादन का कार्य प्रभावित हो गया है।

श्री गौरीशंकर ने बताया कि यदि अगले दो -तीन दिनो के भीतर कोयले की आपूर्ति शुरू नहीं हुई तो कहलगांव संयंत्र की इकाइयों को बंद करना पड़ सकता है। क्योंकि अभी संयंत्र के सुरक्षित भंडार मे जमा कोयले से सात में से छह इकाइयों का परिचालन पचास प्रतिशत (आधे ) के लोड पर किया जा रहा है। भंडार में भी बहुत कम कोयला बचा हुआ है।

महाप्रबंधक ने बताया कि कोयले की भारी कमी के कारण संयंत्र के द्वारा कुल 2340 मेगावाट के स्थान पर करीब 1100 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो रहा है। उत्पादन में कमी से यहां से देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाली बिजली की आपूर्ति भी बाधित हुई है। उन्होंने बताया कि सरकारी प्रावधानों के अनुसार, भूविस्थापितो को नौकरी एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा चुकी है। फिर भी भूविस्थापितों से बातचीत करने के लिए प्रबंधन तैयार है। इस संयंत्र के परिचालन के लिए प्रतिदिन करीब 45 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरुरत होती है। लेकिन कोयले की आपूर्ति ठप्प के कारण यहां उत्पादन के बाधित होने की संभावना प्रबल हो गई है।

सं.सतीश

वार्ता

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