राज्य » अन्य राज्यPosted at: Nov 10 2018 11:14PM श्रीलंका संसद को भंग करना ‘लोकतंत्र की हत्या’: तमिलनाडु नेता
चेन्नई 10 नवंबर (वार्ता) द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और पट्टाली मक्कल काच्चि (पीएमके) के संस्थापक डॉ. एस रामदास सहित तमिलनाडु के कई नेताओं ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपला सिरीसेना के संसद भंग करने के कदम को 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वहां के ईलम तमिलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
श्री स्टालिन ने श्री सिरीसेना के कदमों को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि उनकी यह कार्रवाई शर्मनाक है क्योंकि भारत के पड़ोसी देश में गहरा राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है।
उन्होंने कहा, “ यह न केवल लोकतंत्र की हत्या है, बल्कि तमिलों के बीच भय और असुरक्षा की भावना भी पैदा करता है जो यहां पारंपरिक रूप से रह रहे हैं। ”
हाल में श्री सिरीसेना द्वारा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाने के बाद से ही श्रीलंका में राजनीतिक संकट गहरा गया और तब से श्री मोदी के इस मुद्दे पर चुप्पी साधने को लेकर उन्होंने चिंता व्यक्त की।
उन्होंने श्री राजपक्षे के कार्यकाल में तमिलों की हत्या को याद किया और तमिलों को 13 वें संविधान संशोधन के अनुसार समान अधिकार देने की भारत की मांग को अनदेखा करने पर कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार इन सभी दिनों में मूकदर्शक बनी रही।