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जिला पालिका आयुक्त जमीनी स्तर पर विकास कार्यों में तेजी लाएं: खट्टर

जिला पालिका आयुक्त जमीनी स्तर पर विकास  कार्यों में तेजी लाएं: खट्टर

चंडीगढ़, 22 अगस्त(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में नवनियुक्त जिला पालिका आयुक्तों (डीएमसी) को नई सोच और विचारों के साथ जमीनी स्तर पर विकास कार्यों का तेजी से कार्यान्वयन करने का आहवान किया है ताकि जनता को ऐसे कार्यों का समुचित लाभ मिले और शहरी स्थानीय निकाय भी मजबूत हो सकें।

श्री खट्टर ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा डीएमसी के लिये आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र को सम्बोधित करते यह बात कही। इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि शक्तियों के विकेंद्रीकरण के माध्यम से शहरी क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने के मार्ग पर बढ़ते हुए, राज्य सरकार ने जिला पालिका आयुक्तों के 20 नए पद सृजित किए हैं। इनमें चरखी दादरी और फरीदाबाद को छोड़कर कर जिला पालिका आयुक्त नियुक्त किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ आईएएस और एचसीएस अधिकारियों को डीएमसी पद पर नियुक्त किया गया है और उन्हें अपने अधिकार में आने वाले क्षेत्रों में राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए एक टीम के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने ई-गवर्नेंस प्रणाली पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में लोगों को ऑनलाइन माध्यम से विभिन्न सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ई-डिलीवरी प्रणाली से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि इससे मानव हस्तक्षेप को कम करके भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में भी मदद मिलती है।

श्री खट्टर ने कहा यद्यपि राज्य सरकार ने लोगों के हित में प्रदेश में अब तक 686 अवैध कॉलोनियों को नियमित किया है, जिला पालिका आयुक्त यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में किसी नई अवैध कॉलोनी का निर्माण न हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में संपत्तियों के अवैध पंजीकरण के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। संपत्ति पंजीकरण की एक नई प्रणाली विकसित की जा रही है जिसके तहत सम्बंधित विभागों की प्रणाली को एकीकृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक यह प्रणाली पूरी तरह से कार्यशील नहीं हो जाती, तब तक शहरी क्षेत्रों में कोई नया संपत्ति पंजीकरण नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुदानों के अलावा, नगर पालिकाओं को आय और अन्य संसाधनों के अपने स्वयं के स्रोतों को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए और समय पर नगर विकास योजना भी तैयार करनी चाहिए। उन्होंने जिला पालिका आयुक्तों से कहा कि वे जिले के विकास पर एक विस्तृत अध्ययन करें और राज्य सरकार को भेजने से पहले स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ एक विकास योजना तैयार करें। जिला पालिका आयुक्तों को करनाल, फरीदाबाद और गुरुग्राम की तर्ज पर अन्य शहरों को भी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजनाएं बनानी चाहिए। उन्होंने संबंधित उपायुक्तों और सीईओ, जिला परिषद के साथ उचित समन्वय सुनिश्चित करने और गांवों के विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने के लिए भी कहा।

मुख्यमंत्री ने जिला पालिका आयुक्तों से समाज के कमजोर वर्गों के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर विशेष जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोगों को उनके घर द्वार पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए राज्य में हर परिवार के परिवार पहचान पत्र तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में परिवार के आंकड़ों के संग्रहण की प्रगति की समीक्षा करने और इस काम में तेजी लाने के लिए कहा ताकि राज्य में सभी पात्र परिवारों को परिवार पहचान पत्र जल्द से जल्द वितरित किए जा सकें।

रमेश1447वार्ता

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