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बांध-नहरों के निर्माण, जीर्णाेद्धार के प्रस्ताव बनाने में शिथिलता न बरतें- मालवीया

बांध-नहरों के निर्माण, जीर्णाेद्धार के प्रस्ताव बनाने में शिथिलता न बरतें- मालवीया

उदयपुर, 23 दिसंबर (वार्ता) राजस्थान के इन्दिरा गांधी नहर परियोजना एवं जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया ने कहा है कि प्रदेश के सभी जलाशयों की पानी की एक-एक बूंद का उपयोग जनहित में हो, इसके लिए विभाग के हर छोटे से बड़े कार्मिक को अगले दो साल तक पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करना होगा।

श्री मालवीया ने आज यहां जल संसाधन विभाग की संभाग स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा को पूरा करने विभागीय अधिकारी-कर्मचारी टीम भावना से कार्य करें और बांध-नहरों के निर्माण, जीर्णाेद्धार के प्रस्ताव तैयार करने में किसी प्रकार की शिथिलता न बरतें।

उन्होंने संभाग में प्रगतिरत कार्यों एवं जारी प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति पर समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में सरकार द्वारा 100 एनीकटों का निर्माण करवाएंगे, ऐसे में क्षेत्र में नदी-नालों के माध्यम से व्यर्थ जाने वाले जल को रोककर उसका सदुपयोग करने एवं बूंद-बूंद जल को सहेजने की कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सम्पूर्ण क्षेत्र में पेयजल के साथ किसानों को पर्याप्त जल उपलब्ध कराने की विभागीय प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए प्रयास करने की भी बात कही।

श्री मालवीया ने बताया कि माही के अंदर दो बड़ी केनाल बनाने की कार्ययोजना है। इसमें एक अपर हाई लेवल केनाल एवं एक पीपलखूंट की केनाल है। एक केनाल 1600 करोड़ की होगी और दूसरी 800 करोड़ की। 800 करोड़ वाली केनाल पीपलखूंट से निकलकर जाखम के डाउन स्ट्रीम में नागलिया डेम तक पानी आएगा, जो वर्तमान में जाखम के पानी की सिंचित क्षेत्र है वो नई केनाल से होगा और शेष संरक्षित जल का अन्य उपयोग लिया जाएगा। यह बहुत बड़ा निर्णय है। इसके साथ ही अपर हाई लेवल केनाल जिससे पूरा गांगड़तलाई क्षेत्र, पूरा सज्जनगढ़ का क्षेत्र पानी पी रहा है और कुछ क्षेत्र बांसवाड़ा का व 11 पंचायते आनंदपुरी की, लाभान्वित होगी। इस पर करीब 1500 से 1600 करोड़ का व्यय होगा।

रामसिंह

वार्ता

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