भारतPosted at: Nov 20 2018 6:10PM हमारी नेकनीयती को मजबूरी न समझें विकसित देश : हर्षवर्द्धन
नयी दिल्ली 20 नवंबर (वार्ता) पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने विकसित देशों से जलवायु परिवर्तन की दिशा में विकासशील देशों के लिए की गयी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की माँग करते हुये आज चेतावनी दी कि हमारी नेकनीयती को हमारी मजबूरी न समझें।
डॉ. हर्षवर्द्धन ने भारत, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले समूह ‘बेसिक’ की जलवायु परिवर्तन पर 27वीं मंत्री स्तरीय बैठक की अध्यक्षता के बाद यहाँ संवाददताओं को बताया कि विकसित देशों ने जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों को कम करने के लिए विकासशील देशों को हर साल 100 अरब डॉलर की मदद की प्रतिबद्धता जतायी थी जिसे अभी पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से पहले के लिए किये गये इस वायदे को यदि पूरा नहीं किया गया तो उन्हें दी गयी राशि में कमी की भरपाई 2020 के बाद भी करनी चाहिये।
उन्होंने कहा “ऐसा नहीं चल सकता कि विकसित देश सिर्फ बड़ी-बड़ी वायदें करें, लेकिन उन पर अमल न करें। वित्तीय मदद जमीन पर दिखाई नहीं दे रही। ...हमारी नेकनीयती को हमारी मजबूरी नहीं समझना चाहिये। हम जलवायु परिवर्तन पर 24वें सीओपी सम्मेलन में यही संदेश देना चाहते हैं।” उल्लेखनीय है कि सीओपी सम्मेलन 03 से 14 दिसंबर तक पोलैंड में होना है।
दो दिवसीय बैठक के बाद जारी बयान में भी विकसित देशों द्वारा वित्तीय प्रतिबद्धताएँ नहीं पूरा करने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया है। इसमें कहा गया है कि पेरिस समझौते में अनुच्छेद 9.5 और 9.7 विकासशील किये गये वायदे के अनुरूप विकासशील देशों द्वारा विकसित देशों को वित्तीय मदद उपलब्ध करायी जानी चाहिये।
अजीत/शेखर
जारी वार्ता