इटावा,19 फरवरी (वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व सांसद श्रीमती सुभाषिनी अली ने कहा है कि मोदी सरकार किसानो के साथ दुश्मनो जैसा बर्ताब कर रही है और आंदोलन को कुचलने के लिए घिनौने हथकंडे अपना रही है।
श्रीमती अली ने आज यहां पार्टी कार्यालय पर संवाददाताओं से कहा कि किसान आंदोलन को समर्थन करने वालो तक को गिरफ्तार करके डराया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बोलने और असहमति के संवैधानिक अधिकारो का गला घोंटा जा रहा है। आज आंदोलन करना अपराध हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा आपसी भाईचारे को नष्ट कर जनता को बांटने की साजिश के पुराने हथकंडे पर चल रही है। यह काले कृषि कानून किसानो के गले का फंदा है।
इसके पहले यासीनगर गांव मे किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए सुभाषिनी अली ने डीजल-पेट्रोल के बेतहाशा बढते दामों को बडे पूंजीपतियो को केन्द्र सरकार की खुली छूट का परिणाम बताया। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में जंगल राज है, महिलाये भी सुरक्षित नहीं है। हाथरस व उन्नाव की घटना के अलावा इटावा में महिला की थाने में पिटाई जैसी शर्मनाक घटनायें हो रही है। उन्होंने महिला की पिटाई करने वाले पुलिसवालों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए कहा कि योगी सरकार भेदभाव और बदले की राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों में डर और भय का माहौल बना रही है। एकजुट संघर्षो से ही मोदी-योगी सरकारों को अन्याय से रोका जा सकता है।
सभा में किसान सभा के प्रांतीय महामंत्री मुकुट सिंह ने कहा कि काले कृषि कानून खेती-किसानी का सर्वनाश कर देश को भूख मारेगे। इनसे मंडियां, समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद, सस्ती राशन वितरण जैसे किसानो और जनता के कवच हटेंगे, ठेका खेती के नाम पर बेशकीमती भूमि का बोलबाला होगा, महंगाई और भी ज्यादा बढेगी, इन कानूनो की सफाई में मोदी सरकार झांसा दे रही है।
सं त्यागी
वार्ता