राज्यPosted at: Sep 16 2018 2:53PM नहीं जानती रावण को, दलित गरीब से नजदीकी नाता : मायावती
लखनऊ 16 सितम्बर (वार्ता) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहे भीम आर्मी की वैद्यता पर सवाल खड़े करते हुये कहा कि कुछ संगठनाे ने दलित राजनीति को धंधा बना लिया है जिनसे सावधान रहने की जरूरत है।
सुश्री मायावती ने रविवार को अपने नये आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा “ सहारनपुर में एक व्यक्ति मुझे बुआ संबोधित कर खून के रिश्ते की दुहाई दे रहा है। मै ऐसे किसी व्यक्ति को नही जानती। मेरा रिश्ता सिर्फ समाज के दबे कुचले गरीब मजलूम से है। राजनीतिक स्वार्थ की खातिर लोग मुझसे रिश्ता जोड रहे हैं।”
उन्होने कहा कि देश में दलित राजनीति के नाम पर संगठनो की बाढ आ गयी है। दरअसल, गरीब और दलितों के हित में काम करने की अपेक्षा यह लोग अपना उल्लू सीधा करने की खातिर दलितों को अपने जाल में फंसाने में लगे हैं। भीम आर्मी जैसे संगठन समाज के सामने कहते कुछ हैं और पर्दे की पीछे करते कुछ हैं। ऐसे लोगो से समाज को सावधान रहना चाहिए। यदि यह लोग वास्तव में समाज के हितैषी है तो इन्हें अलग संगठन बनाने की बजाय बसपा के झंडे के नीचे दलितों की लडाई लडना चाहिये।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम को लेकर दो अप्रैल को एतिहासिक भारत बंद के दौरान दलित वर्ग के सैकडो लोगों को भाजपा सरकार ने जेल में डाल दिया जो दलितों के प्रति भाजपा की नफरत का द्योतक है। भाजपा के नेता अपने चुनावी लाभ की खातिर दलित संतों और नेताओं के नाम का इस्तेमाल करने में गुरेज नही करते मगर समाज का शोषित वर्ग अब भाजपा की सच्चाई जान चुका है और अगलेे साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा का सूपडा साफ करने को बेकरार है।
प्रदीप
वार्ता