नयी दिल्ली, 30 जनवरी (वार्ता) पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने पंजाब में खेलों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प व्यक्त करते हुए बुधवार को यहां कहा कि राज्य में सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए भर्ती से पहले और भर्ती के बाद डोपिंग टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
सोढी ने केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्रालय के सहयोग से नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) और फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (पेफी) के संयुक्त तत्वाधान में एंटी डोपिंग विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन उद्घाटन सत्र में यह बात कही।
कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने किया जबकि भारत सरकार के पूर्व मंत्री एवं बिहार विधान परिषद सदस्य डॉ संजय पासवान इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल और पेफ़ी के सचिव पीयूष जैन भी इस अवसर पर मौजूद थे।
सोढी ने पंजाब में खेलों के परिदृश्य पर कहा, “पिछली सरकार ने खेलों पर जरा भी ध्यान नहीं दिया था। मैंने आने के बाद राज्य की खेल नीति में पूरा बदलाव किया है, नगद पुरस्कारों में वृद्धि की है और सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए हर विभाग में तीन प्रतिशत आरक्षण किया है। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ियों की परीक्षा आपस में होगी और उन्हें जनरल वर्ग से प्रतिस्पर्धा नहीं करनी पड़ेगी।”
डोपिंग को लेकर सख्त रूख अपनाते हुए पंजाब के खेल मंत्री ने कहा, “हमने पंजाब में डोपिंग टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। किसी भी विभाग, पुलिस और सशस्त्र बलों में नौकरी दिए जाने से पहले खिलाड़ी का डोपिंग टेस्ट होगा और नौकरी मिलने के बाद भी उनका औचक टेस्ट होता रहेगा।”