जम्मू 07 मई (वार्ता) डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को वादा किया कि अगर उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सत्ता में आती है तो बिना किसी धार्मिक या क्षेत्रीय पूर्वाग्रह के जम्मू-कश्मीर का समग्र विकास होगा।
श्री आजाद ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता में उनकी पार्टी ही लोगों की एकमात्र उम्मीद है क्योंकि उन्होंने कभी भी धार्मिक या क्षेत्रीय आधार पर राजनीति नहीं की है तथा उनका मानना है कि लोग गरिमा के साथ समान अवसरों के हकदार हैं।
यहां पार्टी में शामिल होने के एक समारोह में आजाद ने कहा,“हमने कभी भी क्षेत्रों के बीच भेदभाव नहीं किया और उनके साथ हर तरह से समान व्यवहार किया।”
मढ़ निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पार्टी के सचिव कुलवंत सिंह, और सामाजिक कार्यकर्ता सूरज प्रकाश शर्मा आज़ाद की उपस्थिति में डीपीएपी में शामिल हुए। पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं ने कहा कि वे पार्टी में इसलिए शामिल हुए क्योंकि श्री आजाद के पास मजबूत राजनीतिक समझ है और वह केवल केंद्र शासित प्रदेश को वर्तमान स्थिति से बाहर निकाल सकते हैं।
इस बीच श्री आजाद ने हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर दुख जताया और राजौरी में हाल ही में हुई मुठभेड़ का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद किसी के हित में नहीं है।
श्री आजाद ने कहा कि वह अभी भी धारा 370 के निरसन के आलोचक हैं क्योंकि यह स्थानीय लोगों के हितों को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने आतंकवादी घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद के फिर से उभरने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा,“जम्मू तक आतंकवाद का विस्तार होते देख मैं निराश हूं। यह शांति के लिए हानिकारक है।”
श्री आजाद ने कहा कि खराब प्रशासन और सिस्टम में जवाबदेही की कमी लोगों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है, जिससे नौकरी के अवसरों में गिरावट आई है। उन्होंने कहा,“हमारे युवा अब कहां जाएंगे? उन्हें रोजगार के पर्याप्त अवसर मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कुछ नहीं किया गया है।”
श्री आजाद ने समृद्ध धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के निर्माण के लिए जम्मू के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें उन सभी ताकतों से सतर्क रहना चाहिए, जिनका इसके विकास में कोई योगदान नहीं है, लेकिन वे अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए ओछी राजनीति करते हैं।
संजय अशोक
वार्ता