नयी दिल्ली, 04 जनवरी (वार्ता) भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने स्वच्छ ऊर्जा वाली वाहन व्यवस्था पर एक सम्मेलन और प्रदर्शनी ‘पंचामृत की दिशा में’ का मानेसर में उद्घाटन किया।
भारी उद्योग मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार इस आयोजन का उद्देश्य ‘पंचामृत’ यानी पांच स्वच्छ ईंधन-हाइड्रोजन, इथेनॉल, बायो डीजल, गैस और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देना है। डॉ पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ऑटोमोटिव उद्योग में आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहा है।
मानेसर (हरियाणा में) के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी मानेसर, में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार ने परीक्षण के लिए आयात किए गए वाहनों पर शुल्क समाप्त कर दिया है। यह कदम भारत में परीक्षण सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए अधिक देशों के वाहन निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए है।
श्री पांडे ने कहा कि सीओपी 26- ‘पंचामृत की सौगत’ में प्रधानमंत्री मोदी की घोषणाओं के अनुरूप, 2070 तक कार्बन तटस्थ देश बनने के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए 5 प्रतिबद्धताएं शामिल की गयी हैं, जिनमें हाइड्रोजन, इथेनॉल, बायो डीजल, गैस और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देना शामिल है। मंत्रालय इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए व्यापक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ऑटोमोटिव उद्योग में आत्मनिर्भर भारत के विजन को हासिल करने के लिए प्रयास कर रही है।
सम्मेलन में मंत्रालय की हरित पहलों पर प्रकाश डाला गया जिनमें पीएलआई ऑटो, पीएलआई एसीसी, कैपिटल गुड्स चरण-दो और फेम चरण-दो शामिल है।
इस दौरान केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ पांडेय और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने प्रदर्शनी और आईसीएटी इन्क्यूबेशन सेंटर का भी उद्घाटन किया।
मनोहर.श्रवण
वार्ता