बाराबंकी, 01 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने प्रदेश की 45 हजार किलोमीटर नहर प्रणालियों को 15 दिसम्बर तक सौ फीसदी सिल्ट सफाई कार्य पूरा करने के साथ ही इसकी ड्रोन कैमरों से वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिये ।
श्री सिंह आज बाराबंकी में मजीठा नहर के सिल्ट सफाई के कार्य का शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने सांसदों, विधायको तथा अन्य जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्र में नहरों, राजवाहों तथा माइनरों के सिल्ट सफाई के कार्य की शुरूआत करायें तथा कार्यों पर नज़र भी रखें।
उन्होंने बताया कि किसान राज्य सरकार की प्राथमिकता में हैं, उन्हें सिंचाई के लिए भरपूर सिंचाई का पानी उपलब्ध कराकर उनकी आमदनी दोगुनी करनी है। यही प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री जी का संकल्प भी है। उन्होंने सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों मीडिया तथा आमजनता का आवाह्न किया हैै कि 15 दिसम्बर के बाद यदि कोई नहर, माइनर अथवा राजवाहा डिसिल्टिंग कार्य से अवशेष रहता है तो उन्हें सूचित करें।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि सिल्ट सफाई के कार्य की ड्रोने कैमरों से वीडियोग्राफी करायी जायेगी, साथ ही नहरों पर डिस्प्ले बोर्ड लगाये जायेंगे और इस डिस्प्ले बोर्ड में नहर का पूरा विवरण सिल्ट सफाई कराने वाले अधिकारी का नाम व मोबाइल नम्ब्र भी दर्ज कराया जायेगा। फिर किसानों तथा ग्राम प्रधानों से इस आशय की सर्टिफिकेट लिया जायेगा कि उनके क्षेत्र में नहर सफाई कार्य अन्तिम छोर तक पूरा कर लिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि नहरों माइनरों तथा राजवाहों की जीयोटैगिंग भी करायी जायेगी, जिससे सिल्ट सफाई कार्य पर नजर रखी जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि 15 दिसम्बर तक कोई भी नहर प्रणाली सफाई के लिए बाकी नहीं रहेगी। उन्होंने निकाली गयी सिल्ट की नीलामी कराने के निर्देश दिये ताकि नहर सफाई का खर्च पूरा किया जा सके।
इस अवसर मुख्य अभियन्ता शारदा नहर ए के गुप्ता ने बताया कि इस माइनर की लम्बाई 60.02 किलोमीटर है और अब तक 07 किमी सफाई हो चुकी है। अन्तिम डेडलाइन तक कार्य पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि गतवर्ष सिल्ट की नीलामी से 1.24 करोड़ रूपये की धनराशि मिली थी।
इस अवसर पर स्थानीय सांसद उपेन्द्र सिंह रावत, विधायक सतीश चन्द्र शर्मा व शरद कुमार अवस्थी, पूर्व एमएलसी हरगोविन्द सिंह,प्रमुख सचिव सिंचाई व जल संसाधन टी0 वेंकटेश तथा मुख्य अभियन्ता डी के मिश्रा मौजूद थे।
त्यागी
वार्ता