नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (वार्ता) संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विभिन्न राजनीतिक दलों के अलग अलग मुद्दों पर हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।
मंगलवार से शुरु हुए इस सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की कार्यवाही आज सुबह जब शुरु हुई तो कांग्रेस, तेलुगुदेशम् पार्टी (तेदेपा), अन्नाद्रमुक और शिवसेना के सदस्यों के अलग-अलग मुद्दों पर हंगामे के कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका और भाजनावकाश के पहले ही सदन की कार्यवाही दिनभर के स्थगित कर दी गयी लेकिन हंगामें के बीच ‘बांध सुरक्षा विधेयक 2018’ पारित कराया गया। राज्य सभा में कावेरी के मुद्दे पर अन्नाद्रमुक के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो पाया और भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी। वहां भी हंगामे के बीच राष्ट्रीय मानसिक मंदता, ओटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी कल्याण न्यास संशोधन विधेयक पारित कराया गया।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरु हुई तो कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, तेदेपा और शिवसेना के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर आसन के आसपास जमा हो गये और नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस के सदस्य राफेल विमानों की खरीद सौदे की जाँच की माँग कर रहे थे। उन्होंने हाथों में तख्तियाँ ले रखीं थीं जिन पर लिखा था “ये सरकार सूटबूट की, जुमला झाँसा और राफेल लूट की।”
सरकार में सहयोगी दल शिवसेना के सदस्य राम मंदिर के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुये “हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार” के नारे लगा रहे थे। उन्होंने भी हाथों में अपनी माँगों की तख्तियाँ ली हुई थीं। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल बँटवारे और किसानों के मुद्दे को लेकर हँगामा कर रहे थे। उनकी तख्यतियों पर “तमिलनाडु के अधिकारों की रक्षा करो” के नारे लिखे हुये थे। तेदेपा के सदस्य आँध्र प्रदेश को विशेष राज्य देने और आँध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के अनुरूप वहाँ विकास कार्य करने की माँग कर रहे थे।
अरविंद
जारी वार्ता