नयी दिल्ली 08 फरवरी (वार्ता) प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7522.48 करोड़ रुपये के स्वीकृत कोष और 939.48 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के तहत मत्स्य पालन बुनियादी ढांचा विकास निधि (एफआईडीएफ) के अगले तीन वर्षों के लिए 2025-26 तक विस्तार को गुरूवार को मंजूरी दे दी।
मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 2018-19 के दौरान 7522.48 करोड़ रुपये के कुल कोष के साथ मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) बनाया था। वर्ष 2018-19 से 2022-23 की अवधि के दौरान एफआईडीएफ के कार्यान्वयन के पहले चरण में 5588.63 करोड़ रुपये की कुल 121 मत्स्य पालन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी। एफआईडीएफ के विस्तार से राज्य में मछली पकड़ने के तंत्र, कोल्ड स्टोरेज, मछली परिवहन सुविधाएं, एकीकृत कोल्ड चेन, आधुनिक मछली बाजार, ब्रूड बैंक, हैचरी, जलीय कृषि विकास, मछली बीज फार्म जैसे विभिन्न मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी आएगी। मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्रों, मछली प्रसंस्करण इकाइयों, मछली चारा मिलों,संयंत्रों, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाजों, रोग निदान प्रयोगशालाओं, समुद्री कृषि और जलीय संगरोध सुविधाओं के लिए भी ढांचा विकसित किया जायेगा।
एफआईडीएफ नोडल ऋण संस्थाओं (एनएलई) अर्थात् राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के माध्यम से चिन्हित मत्स्य पालन बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों सहित योग्य संस्थाओं (ईई) को रियायती वित्त प्रदान करना जारी रखेगा। सरकार एनएलई द्वारा कम से कम 5% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर रियायती वित्त प्रदान करने के लिए 12 साल की पुनर्भुगतान अवधि के लिए 2 साल की अधिस्थगन सहित 3% प्रति वर्ष तक ब्याज छूट प्रदान करती है।
संजीव
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