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भगवान राम की नगरी अयोध्या में दुर्गा पूजा की धूम

भगवान राम की नगरी अयोध्या में दुर्गा पूजा की धूम

अयोध्या,07 अक्टूबर (वार्ता) मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में इस बार दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान धूप एवं अगरबत्ती की सुगंध फैलने के साथ ही यहां रामदाना, गरी, मुनक्का, छुहारा, मूंगफली, सिक्का जडि़त दुर्गा प्रतिमाओं के भी दर्शन हो रहे हैं।

नवरात्र में यहां दुर्गा पूजा महोत्सव काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है यह नगरी हालांकि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है लेकिन दुर्गा पूजा की चकाचौंध में यहां की रामलीला दबती गयी है। दुर्गा पूजा की तैयारियों की कड़ी में दुर्गा प्रतिमाओं को संवारने और मनमोहक बनाने के लिये 1500 से अधिक कारीगर कार्यरत हैं जिनमें अधिकांश कोलकाता के हैं।

दूरदराज से आये यहां के कारीगर अपनी मरीजों की मेहनत से अच्छी से अच्छी प्रतिमाओं का निर्माण किया है। इन प्रतिमाओं में देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों को दिखाया गया है। इस बार यहां तीन से सत्तर फिट तक ऊंची दुर्गा प्रतिमाएं बनायी गयी हैं। कुछ दुर्गा प्रतिमाएं तो गरी-छुहारा, मखाना और रुई से बनायी गयी हैं। इन प्रतिमाओं के निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि हर एक में कुछ न कुछ विशेषता व आकर्षण जरूर रहे।

कोलकाता के एक कारीगर रामस्वरूप ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि प्रतिमाओं के निर्माण में लगने वाली सामग्री को वे लोग कोलकाता से ही लाते हैं। सिर्फ मिट्टी बांस की खपच्चियों का ही इंतजाम किया जाता है। उन्होंने बताया कि यहां बनायी गयी प्रतिमाओं का मूल्य दस हजार से लेकर लाखों रुपये तक के हैं।

सुधांशु कारीगर का कहना है कि प्रतिमाओं के निर्माण के लिये अग्रिम धनराशि मिलने के बाद ही वह यह काम शुरू करते हैं। दूसरी ओर इन प्रतिमाओं को स्थापना के बाद विभिन्न पूजा समितियों में पंडालों की सजावट में एकदूसरे को पछाडऩे की होड़ लगा रखी है। नाका क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष बदल-बदल करके दुर्गा प्रतिमाओं के मॉडल का निर्माण कराया जाता है। वहीं चौक क्षेत्र, रिकाबगंज क्षेत्र में सजी दुर्गा की प्रतिमाओं को श्रद्धालु देखते ही रहते हैं। नगर में दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है। पूरी अयोध्या व उसके आसपास के क्षेत्र दुर्गामय हो गये हैं।

माँ दुर्गा की कलात्मक झांकियां जगह-जगह सजी हुई हैं। जहां पर दर्शनार्थियों की भीड़ देखी जा रही है। इसी तरह फतेहगंज में माँ वैष्णो देवी का दरबार बनाया गया है जबकि पुलिस चौकी चौक के सामने दुर्गा पूजा में हुई बिजली की सजावट अव्वल मानी जा रही है।

अयोध्या में दुर्गा पूजा के प्रति बढ़े आकर्षण के बावजूद कहीं-कहीं जनमानस को ध्वनि प्रदूषण से कठिनाईयां महसूस होते हुए भी देखा जा सकता है। ध्वनि प्रदूषण की हालत वहां ज्यादा बदतर है जहां दो पूजा समितियों के लाउडस्पीकर लगे हैं और उनमें तेज बजाने की होड़ भी रहती हैं। यहां पर दुर्गा पूजा समितियों का निरन्तर तथा एकजुटता रखने के लिए केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति बनी है जिसका मुख्य कार्य दुर्गा पूजा महोत्सव को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराना व अंतिम दिन अर्थात् कल निकलने वाले जुलूस के व्यवस्थित ढंग से गुप्तार घाट पहुंचा करके विसर्जित करना है।

केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने बताया कि दुर्गा प्रतिमाओं के साथ ही यहां विभिन्न पण्डालों में समिति द्वारा भी सुरक्षा की गयी है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं हालांकि यह महोत्सव शांति पूर्ण निपटने की जिम्मेदारी प्रशासन की है फिर भी समिति ने पूरे शहर में अपने स्तर से शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये कई कड़े कदम उठाये हैं। समिति के पदाधिकारी लोग विभिन्न पण्डालों में जाकर खुद शांति व्यवस्था देख रहे हैं।

इस बीच जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हालांकि यहां किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं है फिर भी एहतियात के तौर पर आवश्यक प्रबंध किये गये हैं। उन्होंने बताया कि आम जनता को इस पावन पर्व पर कोई कठिनाई न हो इसकी पूरी तैयारी की गयी है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से जगह-जगह पर बैरीकेडिंग की भी व्यवस्था की गयी है। पूरे शहर में सादी वर्दी में महिला व पुलिस बल की तैनाती की गयी है साथ ही साथ ड्रोन कैमरे द्वारा निगरानी भी किया जा रहा है।

सं त्यागी

वार्ता

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