लखनऊ, 12 फरवरी(वार्ता)उत्तर प्रदेश विधानमंडल का गुरूवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान विपक्षी दल नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) समेत कई मुद्दो पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार घेरने को प्रयास करेंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार और आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद विपक्षी दल अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। सत्र की शुरुआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के दोनों सदनों के सदस्यों के संयुक्त संबोधन के साथ होगी। योगी आदित्यनाथ सरकार 18 फरवरी को राज्य विधानसभा में वर्ष 2020-21 के लिए बजट का प्रस्ताव रखेगी। यह राज्य में योगी सरकार का चौथा बजट होगा। बजट के पांच लाख करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है। वर्ष 2019-20 में, कुल बजट का आकार लगभग 4.85 लाख करोड़ रुपये का था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने देश के पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए वर्ष 2024 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने का लक्ष्य भी तय किया है।
विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने बुधवार को यहां बताया कि यह बैठक गुरुवार को 1100 बजे शुरू होगी। सत्र सात मार्च को समाप्त होगा। इस सत्र में वर्ष 2020-21 के लिये बजट को मंजूरी दी जाएगी।
विपक्षी दलों ने विधानसभा के अंदर सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने की तैयारी की है। विपक्ष सीएए / एनआरसी, बेरोजगारी, आवारा पशुओं, कानून व्यवस्था तथा महिलाओं के साथ अत्याचार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
भंडारी
जारी वार्ता