दुनियाPosted at: Feb 23 2018 11:20AM नीदरलैंड ने अर्मेनियाई हिंसा को जातीय नरसंहार माना, तुर्की ने की निंदा
इस्तांबुल, 23 फरवरी (रायटर) नीदरलैंड की पार्लियामेंट ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1915 में हुए आर्मेनियाई नरसंहार को जातीय संहार के तौर पर मान्यता दे दी। तुर्की ने हालांकि नीदरलैंड के इस कदम की कड़ी निंदा की है।
नीदरलैंड की पार्लियामेंट ने कल एक प्रस्ताव पास करके प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1915 में 15 लाख लोगों की मौत को नरसंहार करार दिया। नीदरलैंड के 150 में से केवल तीन सांसदों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।
तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक लिखित बयान में कहा कि यह निर्णय कानूनी तौर पर बाध्यकारी और मान्य नहीं है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने इस बात का भी उल्लेख किया कि नीदरलैंंड सरकार ने यह कहा है कि यह उनकी आधिकारिक नीति नहीं है।
नीदरलैंड की पार्लियामेंट द्वारा इस प्रस्ताव को पास करने के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी और अधिक बढ़ने की आशंका है। पिछले वर्ष नीदरलैंड ने तुर्की के मंत्री पर नीदरलैंड में प्रचार करने पर रोक लगा दी थी।
गौरतलब है कि तुर्की हमेशा से 15 लाख आर्मेनियाई लोगों की हत्या को नरसंहार या जातीय संहार मानने से इंकार करता रहा है।
आजाद.संजय
रायटर