एजल 06 नवंबर (वार्ता) चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त तीन सदस्यीय दल की मंगलवार को यहां मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) एस. बी. शशांक को हटाने की मांग को लेकर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ बैठक नाकाम रही।
राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, एनजीओ और सिविल सोसायटी के लोग अब भी सीईओ को हटाने की मांग पर अड़े हुए है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बैठक में चुनाव आयोग का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी एल. खिआंगते, चुनाव आयोग में निदेशक निखिल कुमार और चुनाव आयोग के सचिव एस. बी. जोशी, मुख्य सचिव अरविंद राय, एनजीओ नेता, यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) के चैयरमैन वनलालरुआता और अन्य प्रतिनिधि शामिल थे। चुनाव आयोग ने श्री शशांक को हटाने की मांग के बाद उपजे संकट का समाधान करने के लिए इन अधिकारियों की नियुक्ति की है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बैठक की शुरुआत अच्छी रही लेकिन एनजीओ और सिविल सोसायटी के सदस्यों को उनकी मांग पर पुन: विचार करने के लिए मनाया नहीं जा सका।
मिजो सिविल सोसायटी के नेताओं का मानना है कि श्री शशांक का मिजोरम के तत्कालीन गृह सचिव के खिलाफ शिकायत करना सही नहीं था। उनका यह भी मानना है कि सीईओ की कार्रवाई ब्रू समुदाय के लोगों के समर्थन में थी।
त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे अल्पसंख्यक ब्रू समुदाय के लोग राहत शिविरों में ही मतदान केंद्र स्थापित करने की मांग कर रहे हैं जिसको मिजो समाज जोरदार विरोध कर रहा है।
एक सूत्र ने यूनीवार्ता को बताया, “एक तरह से बैठक बेनतीजा रही। चुनाव आयोग दल ने बाद में कहा कि बैठक का पूरा ब्यौरा चुनाव पैनल के सामने रखा जाएगा। इस संबंध में अंतिम निर्णय आयोग लेगा।”