नयी दिल्ली 20 मार्च (वार्ता) उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सामाजिक प्रसन्नता के लिए आर्थिक समानता को जरूरी करार देते हुए कहा है कि जीवन के प्रति सकारात्मक सोच, सौहार्दपूर्ण सामाजिक और प्राकृतिक परिवेश ही प्रसन्नता का स्थायी आधार है।
श्री नायडू ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के अवसर पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर जारी एक लेख में कहा कि नीति निर्माता, विशेषकर जन कल्याणकारी राज्य व्यवस्था में नीति निर्माता, प्रसन्नता के मनोविज्ञान का महत्व भी समझें। बल्कि किन्हीं स्थानों पर तो प्रसन्नता और खुशहाली को स्कूली पाठ्यक्रमों में स्थान दिया जा रहा हैं। पूरे व्यक्तित्व के विकास में, आत्म विश्वास, एकाग्रता तथा सकारात्मकता बढ़ाने में, इसका महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि लोगों के जीवन में खुशहाली बढ़ाने में सुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में भी माना गया है कि प्रसन्नता को लोकनीति में महत्व दिया जाना चाहिए। मुझे विश्वास है कि नीति निर्माता इस विषय पर सम्यक ध्यान जरूर देंगे।” उन्होंने कहा कि जैसे किसी भी व्यक्ति पर मानसिक शांति का सकारात्मक प्रभाव होता है, उसी प्रकार सामाजिक, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर भी शांति, व्यापक रूप से सभी लोगों की खुशी को बढ़ाएगी। स्वच्छ और हरे भरे परिवेश से भी प्रसन्नता और सकारात्मकता बढ़ती है। यह जरूरी है कि हम सभी इस विषय में अपने नागरिक दायित्वों का निर्वाह करें। लोगों के बीच परस्पर सम्मान और सौहार्द, माहौल में खुशहाली बढ़ाने के लिए जरूरी हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों में खुशी और प्रसन्नता का मानक बढ़ाने के और भी कारक हैं जैसे जीवन के प्रति आध्यात्मिक दृष्टिकोण अपनाया जाना, 'शेयर एंड केयर' की भारतीय विचारधारा के अनुरूप समाज के जरूरतमंद लोगों की आगे बढ़ कर सेवा करना, प्रकृति के साथ समय व्यतीत करना, पर्यावरण का संरक्षण करना आदि। यदि हम सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो शिकायत और नकारात्मकता के लिए जगह ही नहीं रह जायेगी। उन्होंने कहा, “हमारी पारंपरिक परिवार प्रणाली, व्यक्ति के जीवन में आने वाले किसी भी व्यवधान के विरुद्ध एक कारगर सुरक्षा प्रदान करती है, यह व्यवधान किसी भी वजह से आ सकते हैं जैसे व्याधि, बेरोजगारी, कम आमदनी, भेदभाव या किसी भी छोटी मोटी वजह से। इसी प्रकार मित्र भी हमारे सुरक्षा कवच को मजबूती देते हैं।”
सत्या
जारी वार्ता