भारतPosted at: Aug 27 2019 8:32PM सरकार के कुप्रबंधन से बर्बाद हो रही है अर्थव्यस्था: कांग्रेस
नयी दिल्ली 27 अगस्त (वार्ता) भारतीय रिजर्व बैंक से 1 लाख 76 हजार करोड़ रूपये लेने के निर्णय पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को आडे हाथों लेते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि इस निर्णय से केन्द्रीय बैंक का आरक्षित राशि का भंडार खतरे के निशान पर आ गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार का रिजर्व बैंक से राशि के हस्तांतरण का निर्णय भारी कुप्रबंधन का परिणाम है। इससे देश वित्तीय विध्वंस की ओर बढ रहा है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की पहले की समितियों ने आरक्षित राशि का कम से कम 6 प्रतिशत भंडार रखने की सिफारिश की थी। मोदी सरकार के इस निर्णय से अब आरक्षित भंडार में केवल 5.5 फीसदी राशि रह जायेगी।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन, उर्जित पटेल और डा डी सुब्बाराव ने भी इस कदम का कभी समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में व्यय से 1 करोड़ 45 लाख रूपये की कटौती की थी जिसमें गरीबों को दी जाने वाली 69000 करोड़ रूपये की राशि भी शामिल थी। सरकार को अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में एक श्वेत पत्र लाना चाहिए।
श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस, सरकार के वर्ष 2024 तक अर्थव्यवस्था को 50 खरब डालर पहुंचाने के लक्ष्य का समर्थन करती है। लेकिन इसके लिए देश की विकास दर 9 प्रतिशत वार्षिक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार अर्थव्यवस्था का चला रही है उससे देश की अर्थव्यवस्था की हालत अर्जेन्टीना जैसी हो सकती है। अर्जेन्टीना सरकार ने भी देश के केन्द्रीय बैंक की आरक्षित राशि का इस्तेमाल किया और उसकी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गयी।
उन्होंने कहा कि देश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और सरकार उसे बदतर स्थिति में पहुंचा रही है। रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र कपड़ा सेक्टर बुरी हालत में है और मदद की गुहार लगा रहा है। कृषि संकट का सबको पता ही है।