झुंझुनूं, 20 नवंबर (वार्ता) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शिक्षा को समाज में बदलाव और समानता स्थापित करने का सबसे बड़ा केंद्र बताते हुए कहा है कि वह समाज में समानता को बढ़ावा एवं असमानता को समाप्त करती है और यह जो चरित्र प्रदान करती है, वही हमें परिभाषित करता है।
श्री धनखड़ झुंझुनूं जिले के काजड़ा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्व बाल दिवस के अवसर पर अनुशासन, संस्कार और मानव निर्माण के महत्व पर बल दिया और कहा “आपकी उम्र में संस्कारी बनना आवश्यक है। माता-पिता का सम्मान करना, गुरूजनों को प्रणाम करना, आपसी भाईचारे को बढ़ाना और अनुशासन दिखाना आपके जीवन के अभिन्न हिस्से होने चाहिए। मानव निर्माण के लिए श्रेष्ठ आदतों का संचार आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युवाओं के लिए उभरते अवसरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की सरकारी नीतियों ने आपकी प्रतिभा को चमकाने के लिए अनेक मंच प्रदान किए हैं।” उन्होंने कहा “आप सभी ग्रामीण भारत की रीढ़ की हड्डी हैं। याद रखें भारत की आत्मा ग्रामीण आंचल में है। हमारी जड़ें ग्रामीण भारत में ही मजबूत होती हैं। हमारा अन्नदाता किसान भी ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहता है।” उन्होंने कहा कि पंचायत राज और नगर पालिका जैसी संस्थाओं के माध्यम से भारत ने लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक सशक्त किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे एक “गेम-चेंजर” बताया। उन्होंने कहा “तीन दशकों के बाद भारत को एक नई शिक्षा नीति मिली है, जिसका उद्देश्य छात्रों को केवल पुस्तकों और डिग्रियों के बोझ से मुक्त करना और उन्हें कौशलयुक्त बनाना है। यह नीति भारत को 2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।”
उन्होंने छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए आग्रह किया कि वे अपने दादा-दादी और नाना-नानी के नाम पर पेड़ लगाएं। उन्होंने संस्थानों से अपील की कि वे इस नेक कार्य को ‘मिशन मोड’ में लेकर चलें। उपराष्ट्रपति ने कहा “जब आप इस विद्यालय से बाहर जाएं, तो आपको ऐसा अनुकरणीय आचरण दिखाना चाहिए, जो इस विद्यालय के गौरव को बढ़ाए।”
उपराष्ट्रपति ने बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी कार्यशैली की सराहना की, जिसने भारत के युवाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मंच प्रदान किया है।
इस अवसर पर राज्य के नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी मौजूद थे।
सं जोरा
वार्ता