कुशीनगर, 23 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहां की शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिससे दुनिया बदली जा सकती है।
श्रीमती पटेल गुरुवार को यहां जिले के बुद्ध पीजी कालेज के दीक्षांत समारोह में कहा कि शिक्षा ही लक्ष्य को बनाता है और उस पर पहुंचाता है। उन्होंने अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में कहा कि यह दोनों बातें एक दूसरे के पूरक हैं, शिक्षा कर्तव्य वह अधिकार स्वावलंबी मनाता है । उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को राष्ट्रीय भावना के प्रति संकल्प के साथ आगे आना होगा। युवा वर्ग को बच्चों व महिलाओं के प्रति संजीदगी व्यक्त करते उन्होंने कहा कि शिक्षक और युवाओं की सहभागिता से श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने यूएन में अपने संबोधन में कहा था कि भारत ने युद्ध नहीं बुद्ध दिया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार महिलाओं और बच्चों के लिए कल्याण कारी योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत, सब पढे़, सब बढे़, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ में कार्यक्रम को आगे बढा रही है। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा में विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की भूमिका पर कहा कि महाविद्यालय की ओर से एक गांव गोद लेकर महाविद्यालय के शिक्षक व छात्र एक गाँव गोद लेकर उसमें पांच व तीन वर्ष के छोटे बच्चों को विद्यालय तक पर पहुंचाने पर जोर दिया।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य पर जोर देते हुए बाल विवाह, दहेज आदि के प्रतिशोध के लिए अपील करते हुए संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि आंकडों के अनुसार प्रति वर्ष प्रसव के दौरान छह हजार महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। इसका मूलतः कारण बाल विवाह है।
इस मौके पर श्रीमती पटेल ने यहां भगवान बुद्ध की लेटी प्रतीमा की पूजा भी की।
मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.गिरीश्वर मिश्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्व के सबसे बडे शिक्षक महात्मा बुद्ध थे। प्राथमिक विद्यालय कुरमौटा के छात्र छात्राओं को कुलाधिपति ने उपहार भेंट कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। दीक्षांत समारोह में कला, विज्ञान, वाणिज्य व शिक्षा संकाय के पंजीकृत समेत 13 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया।
सं त्यागी
वार्ता