भारतPosted at: Jan 4 2021 6:24PM किसानों और सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक बेनतीजा
नयी दिल्ली, 04 जनवरी (वार्ता) कृषि सुधार से संबंधित तीन कानूनों को वापस लेने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर सोमवार को किसानों और सरकार के बीच आठवीं दौर की हुई वार्ता में कोई निर्णय नहीं हो सका।
लगभग तीन घंटे चली वार्ता के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार कृषि सुधार कानूनों पर बिंदुवार चर्चा करना चाहती है और उसकी मंशा कानून में संशोधन की है जबकि किसान संगठन इन तीनों कानूनों को वापस किये जाने पर अडिग हैं। सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक आठ जनवरी को होगी।
श्री टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर बार-बार तीनों कानूनों पर बिंदुवार चर्चा पर जोर देते हे जिसके कारण गतिरोध बना रहा। उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों को वापस लिये जाने तक किसान संगठनों का आंदोलन जारी रहेगा।
किसान संगठन राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पिछले 40 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दो दिनों से बारिश के बावजूद उनका आंदोलन जारी है।
पिछले दौर की हुई वार्ता में बिजली शुल्क पर दी जा रही सब्सिडी और पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई नहीं किये जाने के मुद्दे पर किसानों और सरकार के बीच सहमति बन गयी थी लेकिन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने और एमएसपी को कानूनी दर्जा दिये जाने पर गतिरोध बना रहा।
अरुण.श्रवण
वार्ता