खेलPosted at: Nov 5 2018 8:54PM यूपीसीए का उत्साह कहीं इकाना पर ना पड जाये भारी
लखनऊ, 05 नवम्बर (वार्ता) दीपावली की पूर्व संध्या पर भारत विंडीज टवंटी-20 मैच में चौके छक्कों की आतिशबाजी का नजारा देखने इकाना स्टेडियम का रूख करने वाले दर्शकों को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अनूठे प्रयोग के चलते निराशा भी हाथ लग सकती है।
अवधी शिल्पकला के बेहतरीन नमूने के तौर पर 50 हजार दर्शकों की क्षमता वाला इकाना मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय मैच की मेजबानी के साथ पदार्पण करेगा। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसियेशन (यूपीसीए) के इस स्टेडियम में बीसीसीआई ने आउटफील्ड और पिच में महाराष्ट्र और ओड़िशा की मिट्टी का प्रयोग किया है। इसके पीछे बीसीसीआई का तर्क है कि यह एक अभिनव प्रयोग है और अगर यह सफल होता है तो इसे देश के अन्य स्टेडियमों में भी अमल में लाया जायेगा।
पिच मामलों के जानकार हालांकि इसे फटाफट क्रिकेट के लिहाज से उचित नहीं मानते। उनका मानना है कि टी 20 में लोग बल्ले से रन निकलते देखने के लिये आते है और अगर मैच में रन नहीं बरसते हैं तो इसका प्रतिकूल असर नये नवेले स्टेडियम की प्रतिष्ठा पर पड़ सकता है।
सूत्रों ने बताया कि इकाना स्टेडियम में कुल नौ पिचों में पांच मुबंई के कल्याण से लायी गयी लाल मिट्टी से बनायी गयी है जबकि चार पिचें ओड़िशा के आदिवासी क्षेत्र की काली मिट्टी से निर्मित है। जानकारों का मानना है कि संभवत: यह मैच काली मिट्टी से बनी छह नम्बर पिच पर खेला जायेगा। पिच पर उछाल तो भरपूर होने के आसार है मगर गेंद बल्ले पर धीमी गति से आ सकती है जिससे बल्लेबाज को बड़े शाट बनाने में मुश्किल होगी। अगर ऐसे हालात बनते है तो कोलकाता की तरह यह मैच भी लो स्कोरिंग हो सकता है।
बीसीसीआई के चीफ पिच क्यूरेटर दलजीत सिंह हालांकि इस बात से इत्तफाक नही रखते। उन्होंने यूनीवार्ता से कहा, “बेशक पिच में नया प्रयोग किया गया है लेकिन हमने गुड प्लेयिंग कंडीशन को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया है। यह एक अभिनव प्रयोग है जिसमें सफलता मिलने की शत प्रतिशत उम्मीद है। अगर यह प्रयोग सफल होता है तो देश के बाकी स्टेडियम में इसे अमल में लाया जायेगा।”
प्रदीप राज
वार्ता