राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 12 2019 4:14PM छत्तीसगढ़ में निकायों में महापौर एवं अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से – भूपेश
रायपुर 12 अक्टूबर(वार्ता)छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में आगामी निकाय चुनावों में महापौर एवं अध्यक्षों का चुनाव सीधे मतदाताओं से ही करवाने की जारी व्यवस्था को बरकरार रखने की अपनी पूर्व की घोषणा से बदलते हुए इनके चुनाव अप्रत्य़क्ष प्रणाली से करवाने के साफ संकेत दिए है।
श्री बघेल ने मध्यप्रदेश में निकायों में महापौर एवं अध्यक्षों के चुनाव की प्रत्यक्ष प्रणाली खत्म करने के लिए अध्यादेश लाए जाने के बाद से ही राज्य में इस बारे में लग रही अटकलों पर विराम लगाते हुए आज यहां पत्रकारों से कहा कि इस बारे में विचार के लिए तीन सदस्यीय मंत्रिमण्डलीय उप समिति का गठन कर दिया गया है।
उन्होने बताया कि इस मंत्रिमण्डलीय उप समिति के सदस्य रविन्द्र चौबे,मोहम्मद अकबर एवं डा.शिव डहरिया द्वारा जल्द ही इस बारे मे अपनी रिपोर्ट दी जायेंगी जिस पर मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जायेंगा।उन्होने कहा कि वैसे अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव के जरिए नगर निगमों एवं नगरपालिका तथा नगर पंचायतों के अध्यक्षों का चुनाव करवाने में कोई बुराई नही है।
श्री बघेल ने कहा कि अप्रत्यक्ष प्रणाली के जरिए ही जिला पंचायत के अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत (क्षेत्र पंचायत समिति) के अध्यक्ष का चुनाव होता है।वहां भी निर्वाचित सदस्य ही अध्यक्ष का चुनाव करते है।श्री बघेल के दिए संकेतों के बाद स्पष्ट है कि जल्द ही मंत्रिमंडल में इसके मंजूरी देकर इस बारे में अध्यादेश लायेंगी।
इस बीच मुख्य विपक्षी दल भाजपा एवं जनता कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष चुनाव करवाने की कवायद पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इससे खरीद पऱोख्त को बढ़ावा मिलेगा।भाजपा नेता एवं सांसद सुनील सोनी ने कहा कि मौजूदा प्रत्यक्ष व्यवस्था को बदलने की कोई जरूरत नही थी लेकिन लगता है कि सीधे जनता के बीच जाने से कांग्रेस डर रही है।वहीं जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि जनता का अधिकार छीनना अलोकतांत्रिक है।सरकार को समझ में आ गया है कि जनता उनसे ऊब गई है।उन्होने कहा कि पार्षदों की खरीद फरोख्त को रोकने के लिए निकायों में भी दहबदल कानून लागू किया जाना चाहिए।
साहू
वार्ता