नयी दिल्ली 12 सितंबर (वार्ता) वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार से स्थायी नीति बनाने की माँग की है। सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने यूनीवार्ता को बताया कि सरकार वर्ष 2030 तक देश में पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों के परिचालन की बात कह रही है। लेकिन, इसके लिए कोई नीति नहीं है। उन्होंने कहा “हमारे पास दिशा है जिसका हम स्वागत करते हैं, लेकिन इस लक्ष्य को कितना हासिल किया जा सकेगा यह दूसरी बात है। पारंपरिक वाहनों के लिए हमारे पर स्थायी नीति है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कोई स्थायी नीति नहीं है।” श्री माथुर ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री जोर नहीं पकड़ने के तीन मुख्य कारण हैं। पहला इस तरह के वाहनों की लागत काफी ज्यादा है। दूसरे, एक बार चार्जिंग के बाद ये वाहन कम दूरी तय करते हैं। तीसरे, इनकी चार्जिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं हैं। सरकारी नीति के अभाव में वाहन कंपनियों द्वारा पहल की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वाहन खरीदते समय ग्राहक लागत, प्रदर्शन और रेंज के बारे में सबसे पहले सोचता है। जब बेहतर प्रौद्योगिकी के माध्यम से इन मानकों पर इलेक्ट्रिक वाहन बेहतर हो जायेंगे तो लोग स्वयं इन्हें खरीदने के लिए आगे आयेंगे और कंपनियों को मजबूरन विनिर्माण बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की रखरखाव लागत पारंपरिक इंटरनल कम्बशन इंजन वाले वाहनों से काफी कम है। अजीत अर्चना जारी (वार्ता)