जैसलमेर, 21 जून (वार्ता) राजस्थान के वन्य विभाग ने वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर तेजी से लुप्त हो रहे गोडावण पक्षी की वैज्ञानिक ढंग एवं सामान्य तरीके से गणना करने का अनुरोध किया है।
प्रथम अनुसूची के वन्य जीव प्राणी की डेजर्ट नेशनल पार्क एवं बसावट वाले क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों से सालाना गणना न होने से अब तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि जैसलमेर में कितने गोडावण बचे हुए हैं। अंतिम गणना 2017 में हुई थी।
वहीं दूसरी तरफ जेठ पूर्णिमा को गोडावण सहित अन्य प्रजातियों के पानी के स्रोतों पर की गई गणना में केवल 19 गोडावण ही नजर आए जो कि सामान्य से काफी कम हैं जो चिंताजनक है। वन्य विभाग के अधिकारियों को उम्मीद थी कि 40-50 गोडावण नजर आ सकते है। खासकर पोकरण, रामदेवरा क्षेत्र में मात्र चार गोडावण ही नजर आए जबकि डेजर्ट नेशनल पार्क में 15 गोडावण नजर आए।
इस संबंध में डेजर्ट नेशनल पार्क के डिप्टी कंजरवेटर फोरेस्ट कपिल चंद्रावल ने बताया कि पूर्णिमा से 2-3 दिन पहले बरसात हुई थी। इस कारण से जगह जगह जंगल में पानी भर जाने से गोडावण सहित अन्य वन्य जीव वाॅटर पोईन्ट पर नहीं पहुंच पाए। क्योंकि प्यास बुझाने के लिए उन्हें अपने आसपास ही पानी मिल गया, ऐसे में उनकी सही तौर पर गणना नही की जा सकती।
उन्होने बताया कि गोडावण के अलावा बाकी वन जीव प्राणियों में डेजर्ट केट 76, इंडियन फोक्स 237, डेजर्ट फोक्स 206, चिन्कारा हिरण 2652 एवं मोर 1936 सहित अन्य कई वन्य जीव प्राणी नजर आये।
भाटिया सुनील
वार्ता