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ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु संरक्षण और विकास साथ साथ हो: बिरला

ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु संरक्षण और विकास साथ साथ हो: बिरला

रोम 08 अक्टूबर (वार्ता) लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत वैश्विक विज़न से एक ऐसी विश्व व्यवस्था की स्थापना के लिए कार्य कर रहा है जिसमें ऊर्जा न्याय, जलवायु, न्याय और आर्थिक न्याय हो।

श्री बिरला ने यहां जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी20) में आज दूसरे कार्य सत्र में ‘सामाजिक और पर्यावरणीय संघारणीयता के सन्दर्भ में आर्थिक वृद्धि को पुनर्जीवित करना’ विषय पर प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि भारत सफल होता है तो यह विश्व की सफलता है । उन्होंने कहा कि हमारा देश वैश्विक विज़न से एक ऐसी विश्व व्यवस्था की स्थापना के लिए कार्य कर रहा है जिसमें ऊर्जा न्याय, जलवायु न्यायऔर आर्थिक न्याय हो । उन्होंने आगे कहा कि भारत का लक्ष्य ग्लोबल साउथ और ग्लोबल नॉर्थ के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करते हुए एक समेकित वैश्विक कार्यनीति विकसित करना है जो पूरे विश्व के भविष्य का आधार बने।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व को प्रभावित कर रहा है। मानवता की रक्षा के लिए ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए विश्व समुदाय को तेजी से ठोस सामूहिक कार्रवाई करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत की संसद ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर व्यापक रूप से चर्चा की है और चर्चा के बाद पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए कई कानून पारित किए हैं। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि भारत ने 2005 की तुलना में अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 24 प्रतिशत की कमी के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही हासिल कर लिया है। इसके अलावा, देश इस तीव्रता में 35 प्रतिशत तक कमी के लक्ष्य को भी निर्धारित समय अर्थात वर्ष 2030 से बहुत पहले प्राप्त कर लेगा।

श्री बिरला ने यह जानकारी भी दी कि भारत जलवायु न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान में दुनिया की मदद करने के लिए बहुआयामी भूमिका निभा रहा है। पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत एक तरफ ग्लोबल नॉर्थ के साथ साझेदारी कर रहा है और दूसरी तरफ ग्लोबल साउथ के 'एडवोकेट' के रूप में काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत की संसद और सरकार के बीच सकारात्मक चर्चा और संवाद के लिए मजबूत तंत्र है। उन्होंने यह भी कहा कि ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु संरक्षण और विकास साथ साथ चलने चाहिए क्योंकि भारत की विकास नीति अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों को साथ लेकर चलने की संकल्पना पर आधारित है। सतत विकास ही आत्मनिर्भर भारत का आधार है।

पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि भारत उज्ज्वला योजना, उजाला योजना, स्मार्ट सिटी मिशन आदि जैसी योजनाओं के माध्यम से अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप कार्बनडाई औक्साइड उत्सर्जन, सीएफ़सी और एचएफसी उत्सर्जन को कम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहा है बल्कि इसके साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। श्री बिरला ने 98 देशों के अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और 25 देशों के सीडीआरआई (आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन) में भारत की अग्रणी भूमिका का उल्लेख किया, जो पृथ्वी के हरित भविष्य के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आजाद.संजय

वार्ता

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