मथुरा 21 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के अभियन्ताओं ने ऊर्जा निगम केे प्रबन्धन से अपनी समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग करते हुए कहा है कि अभियन्ताओं का उत्पीड़न अब सहन नही किया जाएगा।
विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने मंगलवार को संवाददाताबों से कहा कि पिछले कुछ माह से कारपोरेशन प्रबन्धन, बिजली अभियन्ताओं के प्रति द्वेषपूर्ण भावना एवं पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दण्डात्मक कार्रवाई कर उनके कैरियर से खिलवाड़ एवं उत्पीड़न कर रहा है।
दोनों ने आरोप लगाया कि प्रबन्धन का मनमानापन इस हद तक बढ़ गया है कि 30 जून को अभियन्ताओं के जारी होने वाली पदोन्नति आदेश को अकारण ही रोक लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्व बढ़ाने के लिए प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं को ऐसे निर्देश दिये जा रहे हैं, जैसे प्रदेश में कोरोना जैसी कोई महामारी नहीं है दूसरी ओर सभी ऊर्जा निगमों में फिजूलखर्ची कर सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है।
उन्होंनें कहा कि हाल ही में एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे की उपस्थिति में राज्य विद्युत अभियन्ता संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी की विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में ऊर्जा निगमों में फिजूल खर्ची रोकने के लिए गैर-विभागीय निदेशकों, 60 साल से ऊपर के समस्त निदेशकों व सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियोजित सभी सलाहकारों/व्यक्तियों की सेवायें तत्काल समाप्त करने , निदेशक(आई0टी0) के नये अनावश्यक पद को समाप्त करने, अनावश्यक ऐप/पोर्टल व ई0आर0पी0 प्रोजेक्ट एवं उसके प्रशिक्षण के नाम पर की जा रही खानापूर्ति एवं सरकारी धन का दुरूपयोग रोकने की मांग की गई थी। उनका कहना था कि इस प्रकार कारपोरेशन की लगभग 500 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि की बचत होगी।
सं विनोद
वार्ता