हैदराबाद, 19 जनवरी (वार्ता) तेलंगाना के राज्यपाल ई. एस. एल. नरसिम्हन ने शनिवार को कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार की प्रशासनिक नीतियाें के समुचित क्रियान्वयन, वित्तीय क्षेत्र में अनुशासन लाने और शासन को भ्रष्टाचार मुक्त करने से राज्य के कर और गैर-कर राजस्व में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
श्री नरसिम्हन ने राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष (2018-19) के दौरान अब तक विकास दर 29.93 फीसदी है जबकि 2014 से 2018 के दौरान वार्षिक राजस्व वृद्धि दर 17.17 फीसदी था। उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रहण के मामले मे भी तेलंगाना देश के सभी राज्यों में पहले नंबर पर है।
उन्होंने अविभाजित आंध्रप्रदेश में संसाधनों और संस्कृति की उपेक्षा करने की तरफ इशारा करते हुए कहा कि श्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में जून 2014 में बनी पहली तेलंगाना सरकार ने मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये सही दिशा में अपनी सुनियोजित यात्रा शुरू की है।
राज्यपाल ने कहा कि गरीबों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। राज्य के निर्माण के बाद ऊर्जा क्षेत्र में मौजूद गंभीर संकट का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है। राज्य में प्रस्तावित एक करोड़ एकड़ कृषि क्षेत्र को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने संबंधी सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण को प्राथमिकता दी गयी है।
श्री नरसिम्हन ने कहा कि उद्योग और आईटी सेक्टर के विस्तार के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किये हैं। उन्होंने कहा कि ‘सिंगल विंडो विदआउट ग्रिल्स’ के नाम से मशहूर टीएस-आईपीएएसएस के सफल क्रियान्वयन के साथ सरकार ने 1.32 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ 6,858 उद्योगों की स्थापना की मंजूरी दी है। इनसे 8.37 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और 5,570 उद्योगों में उत्पादन भी शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा कि टीआरएस सरकार की आईटी नीति और सिंगल विंडो की औद्योगिक नीति की वजह से कई शीर्ष आईटी कंपनियां तेलंगाना में निवेश कर रही हैं। इस वर्ष आईटी निर्यात ने एक लाख करोड़ का आंकड़ा छू लिया है और सरकार राज्य के अन्य शहरों में भी आईटी उद्योग का विस्तार करने में सफल रही है।
प्रियंका, यामिनी
वार्ता