नयी दिल्ली, 04 दिसंबर (वार्ता) अखिल भारतीय ईपीएफ पेंशन भोगी फेडरेशन ने सांसदों से उनकी मांगों को सदन में उठाने का आग्रह किया है और आरोप लगाया है कि मोदी सरकार से उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
फेडरेशन ने सांसदों के नाम खुले पत्र में कहा, “हम ईपीएफ पेंशनभोगी आप सभी सांसदों का आभार प्रकट करते हैं कि आपने प्रत्येक सत्र में संसद के दोनों सदनों में सरकार के समक्ष हमारी समस्याओं को उठाया लेकिन हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रथम और द्वितीय कार्यकाल में आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
पत्र में कहा गया, “हम आपसे (सांसदों) अाशा करते हैं कि आप सभी मौजूदा सत्र में भी हमारी अावाज को मजबूती से उठाकर हमारी मांगों को पूरा कराएंगे।”
फेडरेशन की मांगों में केंद्रीय कर्मचारियों की भांति न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये मासिक और महंगाई भत्ता दिया जाए, वर्ष 2013 से सरकार के पास लंबित ‘भगत सिंह कोशियारी’ की रिपाेर्ट को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बिना देरी किये लागू की जाए।
फेडरेशन ने मांग की है कि चूंकि ईपीएस-95 एक्ट के पैरा 32 के तहत वार्षिक मूल्यांकन के प्रावधान को वर्ष 2000 से बंद कर दिया गया है अत: अब वर्ष 2000 से अब तक किये गये वार्षिक मूल्यांकन का लाभ बकाया समेत उन्हें दिया जाए। सभी ईपीएस-95 के पेंशनरों को चिकित्सा एवं जीवन बीमा का लाभ दिया जाए। न्यूनतम पेंशन पर रिड्यूस्ड पेंशन स्कीम लागू न की जाए।
फेडरेशन ने सांसदों से आग्रह करते हुए कहा, “आप हमारी मांगों को सदन में जोरदार ढंग से उठाकर सरकार को घेरें जिससे ईपीएफओ में कर्मचारियों के बगैर दावे के पड़े 55000 करोड़ रुपये को पेंशन फंड में स्थानांतरित कर बुजुर्ग पेंशेनरों को गुजारा करने लायक पेंशन दिये जाने का मार्ग प्रशस्त हो सके।”
प्रियंका.श्रवण
वार्ता