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मेरे जैसा बिना बड़े जातीय आधार वाला सामान्य व्यक्ति भी 20 साल से गुजरात और देश की अखंड सेवा में - मोदी

मेरे जैसा बिना बड़े जातीय आधार वाला सामान्य  व्यक्ति भी 20 साल से गुजरात और देश की अखंड सेवा में - मोदी

सूरत, 15 अक्टूबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने गृह राज्य गुजरात के लोगों की ख़ूब सराहना की और कहा कि उनके जैसे बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि और बड़े जातीय आधार वाले 'अत्यंत सामान्य' व्यक्ति को जनता ने आशीर्वाद देकर 2001 में राज्य की सेवा का पहली बार मौक़ा दिया और इसकी ताक़त ऐसी रही की वह 20 साल से अधिक समय से अखंड रूप से पहले गुजरात और अब पूरे देश की सेवा कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 'सबका साथ-सबका विकास' का मंत्र भी गुजरात से ही सीखा।

श्री मोदी ने सूरत में सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज की ओर से क़रीब 200 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे विशाल छात्रावास संकुल के पहले चरण भूमि पूजन समारोह को नयी दिल्ली से विडीओ कानफेरेंसिंग के ज़रिए सम्बोधित करते हुए यह भी कहा कि कौशल के बल पर भारत के स्टार्ट अप इंडिया की सफलता सबके सामने है और दुनिया भर में भारतीय स्टार्ट अप पहचान बना रहे है। भारतीय यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य स्तर प्राप्त करने वाली नयी कम्पनियों) की संख्या भी रोज़ नए रिकार्ड बना रही है। उन्होंने नयी शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा में पेशेवर पाठ्यक्रम का अध्ययन कर पाने के विकल्प को भी बहुत दूरगामी परिणामकारी बताया।

श्री मोदी ने कहा कि उन्हें ख़ुशी है कि बापू के रामराज्य के मूल्यों को गुजरात के लोग मज़बूत कर रहे हैं। इस बात का भी संतोष है कि सेवा के काम में समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का प्रयास हो रहा है और देश की प्रगति में जाति और पंथ को रुकावट नहीं बनने देने के सरदार पटेल के सपनो को आगे बढ़ाया जा रहा है। राष्ट्र प्रथम ही सरदार साहब की संतानो का जीवन मंत्र है। राज्य आज जिस उंचाई पर है उसके पीछे अनेको लोगों का तप त्याग और तपस्या रही है। इस सिलसिले में श्री मोदी ने विशेष तौर पर राज्य के शिक्षा के क्षेत्र को मज़बूत करने में भूमिका निभाने वाले कई महापुरुषो का भी विस्तार से उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि छोटे छोटे प्रयासों की सामूहिकता बड़े लक्ष्य तक पहुंचा देती है।

श्री मोदी ने कहा, ' मेरे जैसे अत्यंत सामान्य व्यक्ति के लिए जिसके पास राजनीतिक पृष्ठभूमि या जाति का आधार नहीं था, उसे जनता ने आशीर्वाद देकर 2001 में गुजरात की सेवा का मौक़ा दिया। इसकी ताक़त ऐसी है कि 20 साल से अधिक समय से अखंड रूप से पहले गुजरात और अब पूरे देश की सेवा का मौक़ा मुझे मिल रहा है। सबका साथ सबका विकास का मंत्र भी मैंने गुजरात से ही सीखा है। मैंने समस्या के समाधान के लिए लोगों का साथ मांगा और साथ जोड़ा।'

उन्होंने कहा कि उन्होंने गुजरात में लोगों को साथ लेकर कन्या शिक्षण समेत शिक्षा के लिए कई सफल कार्यक्रम चलाए। उन्हें ख़ुशी है कि आज बेटियों के भविष्य के लिए प्रयास लगातार बढ़ रहे है। उन्होंने सूरत में ही बेटियों को बचाने के बारे में समाज की नाराज़गी की परवाह किए बिना कड़वी सलाह दी थी और फिर पूरे राज्य में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसा अभियान चला था। इस राज्य ने कम समय में ही शिक्षा के क्षेत्र में कई अपने तरह के पहले विश्विद्यालयों जैसे कि फ़ोरेंसिक यूनिवर्सिटी, चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी आदि के अलावा रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय, कामधेनु यूनिवर्सिटी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विवि जैसे अनेकों नए क़दम उठा कर पूरे देश को रास्ता दिखाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश में नयी शिक्षा नीति से शिक्षा को आधुनिक बनाया जा रहा है। प्रोफेशनल कोर्सेज़ को स्थानीय भाषा में पढ़ने का विकल्प दिया गया है। इसके अच्छे दूरगामी असर को अभी कम लोग ही समझ पा रहे हैं। पढ़ाई को डिग्री तक ही सीमित नहीं कर इसे स्किल यानी कौशल के साथ जोड़ा जा रहा है।पारम्परिक स्किल को आधुनिकता से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने सौराष्ट्र से खेती बाड़ी छोड़ कर दुनिया भर में 'हीरा नगरी' के रूप में सूरत को मशहूर करने वाले लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि स्किल का महत्व आप से बेहतर कौन समझ सकता है। आप खेती बड़ी छोड़ कर हीरा घिसने आए और स्किल यानी कौशल से ही आप लोग इतनी ऊंचाई तक पहुंचे।

श्री मोदी ने कहा, ' स्किल से स्टार्ट अप इंडिया की सफलता हमारे सामने है। भारत के स्टार्ट अप दुनिया भर में पहचान बना रहे है। यूनिकॉर्न की संख्या नए रिकार्ड बना रही है। जिस तेज़ी से भारत ने कोरोना काल में वापसी की है उससे एक वैश्विक संस्था ने कहा है कि यह दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनेगा।'

रजनीश

वार्ता

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