झांसी 26 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में झांसी के नवागंतुक जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मंगलवार को औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करने से पहले सुबह ही जिला अस्पताल जा पहुंचे। नये जिलाधिकारी के यूं बिना किसी पूर्व सूचना के अस्पताल में आने से अफरा तफरी मच गयी , उन्होंने मौके पर देखी अव्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दुरूस्त करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये।
सुबह 10 बजे खाली पड़े चिकित्सकों के चेम्बर देखकर जिलाधिकारी ने वैकल्पिक व्यवस्था करने और मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी न होने देने के निर्देश दिये। उन्होंने सिविल अस्पताल में ओपीडी से लेकर आकस्मिक विभाग तक सभी जगह मुआयना किया और मरीजों से भी बात की। निरीक्षण में मरीजों से बात करते हुए श्री कुमार ने पूछा कि आप कब आये, पर्चा बन गया व डाक्टर ने देख लिया है और क्या दवायें मिल रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत आयुष्मान भारत पूछताछ एवं पंजीकरण कक्ष का भी निरीक्षण किया तथा आयुष्मान कार्ड बनाये जाने में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये।
इस तरह अस्पताल में सबको चौंका कर जिलाधिकारी कलेक्ट्रेट का निरीक्षण करने जा पहुंचे। उन्हें सुबह 10 बजे औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करना था। उसके बाद विकास भवन में अधिकारियों के साथ बैठक और फिर पत्रकारों के साथ वार्ता भी करनी है।
गौरतलब है कि 2011 बैच के सिक्किम कैडर के अधिकारी रविंद्र कुमार माउंटेरियन भी रह चुके हैं उन्होंने 2013 में माउंट एवरेस्ट फतह किया था और यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह देश के पहले आईएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म 1981 में बिहार के बेगूसराय में किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम शिवनंदन प्रसाद सिंह है। श्री कुमार को शुरू से कविताएं लिखने का भी काफी शौक रहा है। उन्होंने गरीबी और भ्रष्टाचार पर काफी कविताएं लिखी हैं। उन्होंने 10वीं कक्षा की पढ़ाई बेगूसराय के जवाहर नवोदय से की थी। इसके बाद रांची में डीएवी से 12वीं की और मुंबई में मर्चेंट नेवी की पढ़ाई करने चले गए। उनका सेलेक्शन आईआईटी में भी हुआ था, लेकिन वह गए नहीं। उन्होंने इटली की एक कंपनी में छह साल तक नौकरी भी की। इस दौरान उन्होंने मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट भी हासिल किया। उन्हें सबसे पहले सिक्किम को उनके कैडर राज्य के रूप में दिया गया था, जहां उन्होंने जुलाई 2012 से मई 2016 तक सिक्किम के विभिन्न जिलों में सहायक कलेक्टर, उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) और साहसिक संस्थान आईएचसीएई के निदेशक जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया। फिर उनका कैडर उत्तर प्रदेश में बदल दिया गया।
सीतापुर जिले में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), फर्रुखाबाद जिले में जिला मजिस्ट्रेट और उत्तर प्रदेश में वाणिज्यिक कर-सह-आयुक्त, मनोरंजन कर विभाग के विशेष सचिव के रूप में मई 2016 तक कार्य किया। वह दिसंबर 2017 में केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती के निजी सचिव के रूप में दिल्ली चले गए। वहां उन्होंने जून 2019 तक सेवा की। वह फिर से अपने कैडर उत्तर प्रदेश में लौट आए, जहां उन्होंने कुछ दिनों के लिए लखनऊ में राज्य पोषण मिशन के निदेशक के रूप में शामिल हुए और फिर उन्हें 11 जुलाई 2019 को बुलंदशहर जिले के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया। वहां से उन्हें अब आंद्रा वामसी के स्थान पर झांसी भेजा गया है।
सोनिया
वार्ता