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कुम्भ के लिये सात हजार क्यूसेक जल का अतिरिक्त प्रवाह

कुम्भ के लिये सात हजार क्यूसेक जल का अतिरिक्त  प्रवाह

लखनऊ 19 जनवरी(वार्ता)उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में 15 जनवरी से मार्च तक चलने वाले कुम्भ मेले के लिये गंगा नदी में पर्याप्त जल प्रवाह बनाए रखने के लिए टिहरी डैम और नरौरा बैराज से सात हजार क्यूसेक जल का निरन्तर प्रवाह सुनिश्चित किया है।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि श्रद्धालुओं को प्रयागराज कुम्भ-2019 में किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हर स्तर पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेला अवधि में टिहरी डैम से 2000 क्यूसेक जल का गत 15 दिसम्बर से तथा नरौरा बैराज से 5000 क्यूसेक जल का गत 22 दिसम्बर,से आगामी मार्च तक निरन्तर प्रवाह सुनिश्चित किया गया है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में आयोजित कुम्भ मेला की तैयारी की तुलना में प्रयागराज कुम्भ-2019 की व्यवस्थाएं कई मायनों में अलग हैं। इस बार के कुम्भ मेला में जलस्तर की उपलब्धता की मांग और जलस्तर के महत्व को ध्यान में रखते हुए तैयारियां पहले ही शुरू कर दी गई थी।

उन्होंने बताया कि मेलाधिकारी की मांग से अधिक जल स्तर की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई जा रही है, जो वर्ष 2013 कुम्भ की तुलना में कई गुना बेहतर है।

वर्ष 2013 के कुम्भ में एक जनवरी को जहां हरिद्वार डाउनस्ट्रीम डिस्चार्ज 9541 क्यूसेक था, वहीं वर्ष 2019 के कुम्भ में 10750 क्यूसेक रहा यानि 1209 क्यूसेक पानी की बढ़त। इसी प्रकार दस जनवरी, 2013 में हरिद्वार डाउनस्ट्रीम डिस्चार्ज 10429 क्यूसेक था, जो कि 2013 की तुलना में अबकी बार इसी दिन 4573 की बढ़त के साथ 15002 क्यूसेक दर्ज किया गया। वहीं अगर फाफामऊ गेज की बात की जाए तो 2013 के कुम्भ के मुकाबले इस बार के कुम्भ में भी तैयारियों में अंतर साफ देखा जा सकता है।

एक जनवरी, 2013 में गंगा नदी का जल स्तर 76.49 मीटर था, जबकि मेलाधिकारी की मांग 76.60 मीटर के जलस्तर की थी, इस बार के कुम्भ में इसी दिन फाफामऊ गेज बढ़त के साथ 76.86 मीटर दर्ज किया गया। वर्ष 2013 में फाफामऊ गेज 76.64 मीटर था, जो वर्ष 2019 में इसी तिथि पर 77.02 मीटर दर्ज किया गया। यह मेलाधिकारी की 76.60 मीटर की मांग से कहीं अधिक था।

भंडारी

वार्ता

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