नयी दिल्ली,19 सितम्बर (वार्ता) कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि मिट्टी जांच अभियान, नीम लेपित यूरिया और फसल बीमा तथा कुछ अन्य योजनाओं के कारण कृषि लागत में कमी आयी है और अब किसानों को फसल लागत मूल्य मिलना शुरू हो गया है, श्री सिंह ने यहां राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन रबी अभियान,2017 का उद्घाटन करते हुये कहा कि मृदा जांच से किसानों को खेतों में पोषक तत्वों की कमी का पता चल रहा है और वे संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग कर रहे हैं जिससे कृषि लागत में कमी आयी है। लगभग नौ करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किये गये हैं और मिट्टी जांच अभियान का दूसरा चरण भी शुरू हो गया है । देश में 12 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किये जाने हैं। उन्होंने कहा कि देश के 75 जिलों में तीसरा पक्ष सर्वेक्षण कराया गया है जिससे पता चला है कि नीम लेपित यूरिया के कारण खेती में इसके उपयोग की मात्रा में 10 प्रतिशत की कमी आयी है और फसलों का उत्पादन 10 से 12 प्रतिशत बढ़ा है। इसके साथ ही पानी के साथ जो नाइट्रोजन बह जाता था वैसा अब नहीं होता है और पौधे का जड़ नाइट्रोजन को अवशोषित कर लेता है । कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को किसानों का सुरक्षा कवच बताते हुये कहा कि तमिलनाडु में किसानों ने 900 करोड़ रुपये का फसल बीमा कराया था लेकिन आपदा के कारण बीमा कम्पनियों ने 2300 करोड़ रुपये के बीमा दावों का भुगतान किया। किसानों के बीमा दावों के तुरंत भुगतान पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर हरियाणा,गुजरात और मध्यप्रदेश ने अपनी बीमा कम्पनी बना ली है। अरुण.श्रवण जारी वार्ता